
रुपये बांटते पप्पू यादव (फोटो-वायरल वीडियो)
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है और इसके साथ ही इसके उल्लंघन का पहला मामला भी सामने आया है। पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन पर वैशाली जिले में बाढ़ प्रभावित परिवारों को चार-चार हजार रुपये बांटने का आरोप है और अब उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है।
गुरुवार की शाम पप्पू यादव वैशाली जिले के सहदेई बुजुर्ग प्रखंड के गणियारी गांव पहुंचे थे। यह इलाका गंगा नदी के लगातार कटाव से बुरी तरह प्रभावित है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, करीब 150 से 200 परिवारों के घर कटाव में बह गए हैं। सांसद पप्पू यादव ने मौके पर पहुंचकर करीब 80 पीड़ित परिवारों को 4-4 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी।
पप्पू यादव ने कहा, 'मैं राजनीति नहीं, इंसानियत निभाने आया हूं। जब तक ये लोग सुरक्षित नहीं होंगे, मैं साथ रहूंगा।' लेकिन, इसी मदद ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वे ग्रामीणों के बीच खुलेआम नकद पैसे बांटते नजर आए। इसके बाद चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया और सहदेई थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई।
चुनाव आयोग के निर्देश पर सहदेई के सर्किल ऑफिसर (सीओ) की ओर से एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में कहा गया है कि सांसद ने आचार संहिता लागू होने के बावजूद सार्वजनिक रूप से नकद राशि बांटी, जो कि चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। यह विधानसभा चुनाव 2025 का पहला मामला है जिसमें किसी जनप्रतिनिधि के खिलाफ कार्रवाई हुई है।
आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी जनप्रतिनिधि या उम्मीदवार नकद पैसे, उपहार या आर्थिक सहायता नहीं दे सकता। क्योंकि इसे मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास माना जाता है। चुनाव आयोग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि इस तरह की घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई की जाए और रिपोर्ट सौंपी जाए।
FIR के बाद पप्पू यादव ने मीडिया से कहा, 'अगर किसी गरीब को भूख या कटाव से बचाने के लिए मदद देना अपराध है, तो मैं ये अपराध बार-बार करूंगा। ये राजनीति नहीं, इंसानियत है।' उन्होंने आगे कहा कि वो चुनाव से पहले या बाद में हमेशा गरीबों और बाढ़ पीड़ितों के साथ खड़े रहेंगे।
महनार के एसडीओ नीरज कुमार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो और गवाहों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। अगर यह साबित होता है कि रुपए बांटे गए थे, तो यह स्पष्ट रूप से आचार संहिता का उल्लंघन है।
Updated on:
10 Oct 2025 09:59 am
Published on:
10 Oct 2025 09:58 am
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