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थावे मंदिर में करोड़ों की चोरी का फिल्मी खुलासा! वेब सीरीज ‘खाकी’ देखकर LLB छात्र ने बनाया था प्लान, अब SIT ने दबोचा

यूट्यूब पर वेब सीरीज "खाकी" देखने के बाद दीपक ने गोपालगंज के थावे मंदिर में चोरी का प्लान बनाया। पुलिस के मुताबिक, दीपक कुछ दिन पहले ही जेल से छूटा था।

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पुलिस हिरासत में दीपक। फोटो-पत्रिका

थावे मंदिर चोरी कांड:बिहार के प्रसिद्ध थावे दुर्गा मंदिर में 17 दिसंबर की रात हुई करोड़ों की आभूषण चोरी मामले में गोपालगंज पुलिस ने मंगलवार की रात इटवा पुल के समीप से एक युवक को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार युवक यूपी का रहने वाला है। पुलिस के अनुसार आरोपी ने बिहार पुलिस पर बनी फिल्म ‘खाकी’ और यूट्यूब पर क्राइम वीडियो देखकर चोरी का प्लान बनाया था। पुलिस की जांच में अभी तक की जांच में वेब सीरीज और अपराध की खतरनाक जुगलबंदी की कहानी सामने आई है। पुलिस ने इस घटना में संलिप्त अपराधी को तो गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन चोरी गए आभूषण अभी तक बरामद नहीं कर पाई हैं। 17 दिसंबर को प्रसिद्ध थावे मंदिर से मां भवानी के श्रृंगार के आभूषण करीब 1.08 करोड़ रुपये थी चोरी चली गई थी।

जेल से निकलते ही रची साजिश

गिरफ्तार आरोपी दीपक राय यूपी के गाजीपुर जिले के जमनिया थाना क्षेत्र के बेटावर कला गांव का रहने वाला है। अपराध से उसका पुराना रिश्ता रहा है। कुछ दिन पहले ही वह जेल से बाहर निकला था। दीपक खुद एलएलबी का छात्र है। दीपक ने इससे पहले 3 मार्च 2025 को उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में शीतला माता मंदिर से जेवर चुराए थे। इस केस में वह जेल से 13 नवंबर 2025 को जेल से रिहा हुआ था। जेल से रिहा होने के बाद उसने इंटरनेट मीडिया और गूगल सर्च कर देश के विभिन्न मंदिरों में रखे कीमती आभूषणों की खोजबीन की और थावे मंदिर में सोने की हार के बारे में उसने पता किया। इसके बाद उसने अपने एक साथी के साथ मिलकर चोरी की योजना बनाई। पुलिस पूछताछ में दीपक ने कबूल किया कि उसने ‘खाकी’ वेब सीरीज देखकर पुलिस से बचने के तरीके सीखे थे। इस वेब सीरीज से उसने मोबाइल बंद रखना और ट्रैकिंग से बचना खास तौर पर सीखा था।

रेकी से लेकर चोरी तक का फिल्मी प्लान

दीपक ने बताया कि उसने चोरी से पहले 10 और 11 दिसंबर 2025 से अपने साथी के साथ बाइक से थावे मंदिर रेकी शुरू की थी। पुलिस ने बताया कि दीपक ने अपने रेकी के दौरान मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था, सीसीटीवी कैमरों और गर्भगृह की स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद 17 दिसंबर की रात करीब 2 बजे वारदात को अंजाम दिया। फिल्म खाकी से सीखकर उसने चोरी के बाद अपना मोबाइल बंद कर दिया, ताकि पुलिस उसका कोई लोकेशन ट्रेस नहीं कर सके।

SIT की त्वरित कार्रवाई और बरामदगी

गोपालगंज पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित के अनुसार इस घटना में संलिप्त अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठन किया गया था। जिसने सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल ट्रैकिंग और आरोपी के पिछले रिकॉर्ड के आधार पर जब अपनी जांच को आगे बढ़ाया तो मंगलवार 23 दिसंबर 2025 को दीपक राय को इटवा पुल के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। एसपी ने अवधेश दीक्षित के अनुसार दीपक ने पूछताछ में सब कबूल कर लिया है। दूसरे आरोपी की तलाश के लिए यूपी के गाजीपुर, मऊ और प्रयागराज जिलों में छापेमारी कर रही है। पुलिस को अभी तक चोरी गए आभूषण नहीं मिले हैं।