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सरकारी जमीन हथियाने वालों पर चलेगा प्रशासन का डंडा! भ्रष्ट अधिकारियों पर सीधे एक्शन का आदेश, 14 जनवरी तक माँगी गई रिपोर्ट

मुख्य सचिव ने बिहार में सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगाते हुए इसमें संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है।

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सरकारी जमीन पर अवैध प्लॉटिंग(photo-patrika)

सरकारी जमीन पर अवैध प्लॉटिंग(photo-patrika)

बिहार सरकार ने प्रदेश की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा के खिलाफ अभियान तेज करते हुए सभी अंचलाधिकारी को पत्र लिखकर इससे जुड़ी रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही इस काम में अहम भूमिका निभाने वाले सरकारी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त को पत्र भी लिखा है।

बिहार सरकार प्रदेश की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के खिलाफ अपना अभियान तेज कर रही है। इसको लेकर सभी अंचलाधिकारियों से 14 जनवरी तक रिपोर्ट देने को कहा गया है। मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रमंडलीय आयुक्तों को पत्र लिखकर इस काम में लगे सरकारी अधिकारियों पर कार्रवाई करने को कहा है।

सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक

मुख्य सचिव ने अपने पत्र में लिखा है कि समीक्षा और जांच में पता चला है कि सरकारी अधिकारी गलत तरीके से सरकारी जमीन का दाखिल-खारिज और जमाबंदी कर व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचा रहे हैं। ऐसी जमीन का दाखिल-खारिज और जमाबंदी खारिज कर उक्त भूमि को कब्जे में लेने और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश भी दिया गया है।

भ्रष्ट अधिकारियों पर एक्शन का आदेश

मुख्य सचिव ने पत्र में लिखा है कि जांच और समीक्षा बैठक में कई मामले उजागर हुए हैं, जहां सरकारी भूमि को व्यक्ति विशेष के पक्ष में अवैध दाखिल-खारिज और जमाबंदी कर दी गई है, जो पूरी तरह अनियमित और अनैतिक है। उन्होंने कहा कि योग्य श्रेणी के वास भूमिहीन परिवारों/व्यक्तियों को आवंटित सरकारी भूमि (गैर मजरूआ खास, गैर मजरूआ आम, सिलिंग अधिशेष भूमि) विशेषाधिकार प्राप्त व्यक्ति के नाम किए जाने के मामले भी सामने आए हैं।

उन्होंने पत्र में लिखा है कि सरकारी भूमि के अवैध हस्तांतरण के मामलों की सरकार स्तर पर समीक्षा हुई। निर्णय लिया गया है कि ऐसे मामलों पर तत्काल रोक लगाई जाए और इसमें लिप्त कर्मी/अफसर पर कठोर कार्रवाई होगी। भू-हस्तांतरण/आवंटन के लंबित मामले एक स्तर ऊपर के क्षेत्रीय पदाधिकारी-समाहर्ता/प्रमंडलीय आयुक्त के अनुमोदन से ही हस्तांतरित/आवंटित किए जा सकेंगे।