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निपाह वायरस कोे लेकर बिहार में अलर्ट,स्वास्थ्य विभाग ने ​एडवायजरी जारी कर बताया ऐसे करे बचाव!

निपाह वायरस की कोई भी वैक्सीन हाल में मौजूद नहीं है, ऐेसे में विभाग की ओर से जारी एडवायजरी के बिन्दुओं की पालना कर वायरस की चपेट में आने से बच सकते है

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पटना

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Prateek Saini

May 26, 2018

nipah virus

nipah virus

(पटना/बिहार): निपाह वायरस ने पूरे देश में आतंक मचा दिया है। इस वायरस को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसी क्रम में बिहार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक एडवायजरी जारी कर इस वायरस से होने वाली बिमारी के लक्ष्ण और उससे बचने के तरीकों के बारे में बतया गया है। निपाह वायरस की कोई भी वैक्सीन हाल में मौजूद नहीं है। इस पर लगातार काम किया जा रहा है। ऐेसे में विभाग की ओर से जारी एडवायजरी में बताएं गए बिन्दुओं की पालना कर हम इस वायरस की चपेट में आने से बच सकते है।

कहां से आया है निपाह वायरस

सबसे पहले मलेशिया के कंपंग सुंगाई निपाह से इस वायरस की जानकारी मिली इस कस्बे के नाम पर ही इस वायरस का नाम निपाह रखा गया। भारत मेें सन2001 में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी मेें निपाह वायरस से लोगों के बिमार होने के मामले सामने आए। हाल ही में भारत में इस वायरस ने केरल से दस्तक दी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस वायरस के प्रभाव से केरल में एक दर्जनों लोगों की मौत हो गई है।

बिहार में स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवायजरी

देश के विभिन्न राज्यों में निपाह वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने भी एडवायजरी जारी की है। इस एडवायजरी में निम्न बातोें का जिक्र किया गया है:-

इस बिमारी के प्रमुख लक्षण

:-अचानक बुखार का आना , सिर दर्द , मांसपेशियों में दर्द , मानसिक भ्रम का होना , उल्टी जैसा महसूस होना अथवा उल्टी आना।

:-निपाह वायरस मस्तिष्क ज्वर से भी जुड़ा है। इससे मस्तिष्क में सूजन को सकती है।

:-निपाह वायरस से ग्रस्त मरीज 24 से 48 घंटे में कोमा में भी जा सकता है।

कैसे फैलता है निपाह वायरस

:-चमगादड और pig जैसे जानवर इस वायरस के वाहक है। संक्रमित जानवरों के सीधे संर्पक में आने या इनके संपर्क में आने या इनके संपर्क में आई वस्तुओं के सेवन से निपाह वायरस का संक्रमण होता है।

:-निपाह वायरस से संक्रमित इंसान भी संक्रमण को आगे बढाता है।

:-निपाह वायरस के पॉजिटिव मरीजों की देखभाल की जानी चाहिए और जरूरत पड़ने पर उन्हें स्पेशल चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराना पड़ सकता है।

:-मरीजों की जांच ELSIA की ओर से NIV पुणे में की जाती है।

बचाव के तरीके

:-चमगादड़ों वाले इलाकों में अत्यधिक सावधानी बरतें।
:-सुअर अथवा सुअरों के संपर्क में रहने वाले लोगों से दूर रहे।
:-गिरे हुए अथवा जानवरों के जूठे फल खाने से बचें।
:-केरल से आने वाले फलों को अच्छी तरह धोकर खाएॅं।
:-कैले आम एवं खजूर को लेकर विशेष सर्तक रहें।
:-वायरस का प्रकोप कम होने तक ताड़ एवं खजूर के रस ताड़ी नीरा का सेवन न करें।
:-यदि फल व सब्जियों पर जानवरों के काटे का निशान होतो उन्हें खरीदने से बचे।

:-अच्छी तरह से पका हुआ और साफ सुथरा घर का खाना खाएॅं।
:-स्वच्छता का पूरी तरह से ध्यान रखे।