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निपह वायरस पर चौंकाने वाला खुलासा, चमगादड़ से नहीं फैलती ये जानलेवा बीमारी

केरल में निपह वायरस को लेकर प्रयोगशाला की एक रिपोर्ट कहा गया है कि इस खतरनाक वायरस के फैलने के लिए चमगादड़ जिम्मेदार नहीं।

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निपाह वायरस पर चौंकाने वाला खुलासा, चमगादड़ से नहीं फैलती ये जानलेवा बीमारी

नई दिल्ली। मौत का दूसरा नाम बन चुके निपह वायरस पर डॉक्टरों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। केरल में निपह वायरस को लेकर प्रयोगशाला की एक रिपोर्ट कहा गया है कि इस खतरनाक वायरस के फैलने के लिए चमगादड़ जिम्मेदार नहीं हैं।

निपह से अबतक 12 की मौत
उत्तरी केरल के कोझिकोड और मलाप्पुरम जिलों में इस वायरस से अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। भोपाल की प्रयोगशाला से आई रिपोर्ट में कहा गया है कि कोझिकोड के चंगारोथ गांव से मरने की पहली घटना सामने आई थी। मरने वाले के शरीर में भी एनआईवी के नमूने नहीं मिले हैं।

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चमगादड़ से नहीं फैसला वायरस
आईसीएआर और पशुओं की बीमारी पर काम कर रहे भोपाल के राष्ट्रीय संस्थान (आईएचएसएडी) ने परीक्षण संबंधी अपने नतीजे का विश्लेषण करने के बाद कहा,‘निपाह वायरस जिनोम के सभी नमूने निगेटिव मिले हैं।‘ पहले की रिपोर्ट में संदेह जताया गया था कि चमगादड़ की वजह से केरल में यह बीमारी फैली है।

अमीरात ने जारी किया अलर्ट
वहीं दूसरी ओर संयुक्त अरब अमीरात के स्वास्थ्य एवं रोकथाम मंत्रालय ने लोगों को केरल की अनावश्यक यात्रा नहीं करने की सलाह दी है जहां निपह वायरस से अब तक 13 लोगों की मौत हो गई है। इस बीमारी की वजह से 40 अन्य को अलग करके रखा गया है। खलीज टाइम्स ने मंत्रालय के हवाले से कहा कि मंत्रालय ने केरल जाने वाले लोगों को संक्रमण के प्रभाव से जागरूक रहने के लिए उन्हें सचेत किया है और सलाह दी है कि जब तक स्थिति नियंत्रित न हो, केरल की अनावश्यक यात्रा न करें।

केरल में रद्द हुईं परीक्षाएं
इस बीच एनआईपी के लक्षणों वाले मरीजों की संख्या में गिरावट आई है लेकिन कोझीकोड के आयुक्त यू.वी.जोस ने 31 मई तक सभी सार्वजनिक सभाओं, ट्यूशन कक्षाओं सहित सभी प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों पर रोक लगा दी है। यह कदम लोगों को भीड़ व समूह में एक-दूसरे के संपर्क में आने से रोकने के लिए उठाया गया है। कालीकट विश्वविद्यालय ने गुरुवार को इस सप्ताह होने वाली सभी परीक्षाओं को स्थगित करने की घोषणा की। जिले में मौजूदा स्थिति को देखते हुए एक लोक सेवा परीक्षा भी स्थगित कर दी गई है।

अंतिम संस्कार के लिए प्रोटोकॉल जारी
स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को कहा कि पुणे में परीक्षण के लिए कुल 160 नमूने भेजे गए हैं। इसमें से 22 के परिणाम आए हैं, जिनमें से 14 में वायरस के होने की पुष्टि की गई है। इन 14 के साथ कोझिकोड की एक नर्सिग की छात्रा वायरस से संक्रमित पाई गई है। कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में 136 मरीज और पास के मलप्पुरम जिले में 24 मरीज हैं, जिन्हें निगरानी में रखा गया है। इस बीच अधिकारियों ने एनआईपी पीड़ितों के अंतिम संस्कार के लिए एक प्रोटोकॉल जारी किया है। वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए दाह संस्कार को सबसे बेहतर बताया गया है, लेकिन यदि परिवार दफनाने का विकल्प चुनते हैं तो शव को एक पॉलीथीन बैग से ढका जाना होगा और फिर बहुत गहरे गड्ढे में दफनाना होगा।