
कुरान की आयतें पढ़ने से 'निपाह वायरस' पास भी नहीं फटकेगा : कुदाथयी
नई दिल्ली।केरल में फैले निपाह वायरस से बचने के लिए सुन्नी नेता नज़र फैजी कुदाथयी ने इस्लाम के अनुयायियों से आध्यात्मिक उपचार का सहारा लेने का सुझाव दिया है। वॉट्सऐप पर कुदाथयी ने दावा किया है कि प्रभावित क्षेत्र के आसपास रहने वाले लोग अगर कुरान के 36वें अध्याय सुराह-अल-यासीन को पढ़ लें और शेख अब्दुल कादिर जिलानी का नाम एक हजार बार लें तो यह बीमारी उन्हें नहीं होगी।
प्रार्थना के सुझाव पर विरोध जताया
सुन्नी नेता नज़र फैजी कुदाथयी ने कहा कि दशकों पहले मल्लपुरम में संक्रामक रोग फैला था, तब इस प्रार्थना के सहारे उसे रोका गया था। उन्होंने कहा जब डॉक्टर भी इस बीमारी का इलाज नहीं निकाल पा रहे थे तब इस आध्यात्मिक तरीके से लोग ठीक हो गए थे। वहीं दूसरे समुदाय के लोग इस तरह की प्रार्थना किए जाने के सुझाव के खिलाफ खड़े हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रार्थना गैरइस्लामिक है।
निपाह वायरस का कहर
इन दिनों देश में निपाह वायरस का कहर जारी है। लोगों में संक्रमित बीमारी को लेकर भय का माहौल है। मेडिकल टर्म में इसे एनआईवी भी कहा जाता है। सबसे बड़ी परेशानी ये है कि इस वायरस से निपटने के लिए अभी तक कोई सटीक इलाज नहीं मिल सका है। केरल में सबसे ज्यादा लोग निपाह वायरस से ग्रसित हैं। यहां डॉक्टरों और वैज्ञानिकों की टीम निपाह वायरस का इलाज खोजने में जुटे हैं। निपाह वायरस एक संक्रमित बीमारी है,जो जानवरों से इंसानों में फैलता है। चमगादड़ से फलों में और फलों से इंसानों और जानवरों में फैलता है। खजूर के खेतों में काम करने वालों में निपाह वायरस फैलने का खतरा ज्यादा होता है। फ्रूट बैट प्रजाति के चमगादड़ इस संक्रमण को तेजी फैलाते हैं।
Published on:
24 May 2018 04:14 pm
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