
JDU विधायक गोपाल मंडल (Photo-X)
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने पार्टी के अंदर बड़ी सर्जरी की है। पार्टी ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप में अपने 11 वरिष्ठ नेताओं और पूर्व विधायकों को निष्कासित कर दिया है। इनमें कई ऐसे चेहरे हैं जो कभी नीतीश कुमार के भरोसेमंद माने जाते थे, लेकिन इस बार टिकट न मिलने या मतभेद के कारण उन्होंने पार्टी लाइन से अलग राह पकड़ ली थी। लेकिन इस पूरी लिस्ट में सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि गोपालपुर के विधायक गोपाल मंडल को बाहर क्यों नहीं किया गया? जबकि वो भी टिकट कटने के बाद निर्दलीय मैदान में हैं और खुलेआम पार्टी नेताओं पर आरोप लगा चुके हैं।
जेडीयू ने एक पत्र जारी करते हुए कहा कि जिन नेताओं को निष्कासित किया गया है, उन पर पार्टी की विचारधारा के खिलाफ काम करने और पार्टी उम्मीदवारों के विरोध में सक्रिय रहने के गंभीर आरोप हैं। पार्टी के मुताबिक, ऐसे नेताओं के आचरण से संगठन की छवि को नुकसान हो सकता था। इसलिए तत्काल प्रभाव से उन्हें प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया गया है।
जेडीयू की निष्कासन लिस्ट में कई दिग्गज शामिल हैं। इनमें पूर्व मंत्री शैलेश कुमार, पूर्व विधान पार्षद संजय प्रसाद, पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह, पूर्व विधान पार्षद रणविजय सिंह, पूर्व विधायक सुदर्शन कुमार, पूर्व विधायक अमर कुमार सिंह, पूर्व प्रत्याशी आस्मां परवीन और साथ ही लव कुमार, आशा सुमन, दिव्यांशु भारद्वाज, विवेक शुक्ला के नाम भी शामिल हैं। इनमें से अधिकांश नेताओं ने या तो निर्दलीय नामांकन किया है या अपने क्षेत्र में पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार का विरोध किया है।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि गोपालपुर के विधायक गोपाल मंडल भी इस बार टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं। उन्होंने टिकट कटने के बाद कई बार मीडिया में बयान देकर जेडीयू के सीनियर नेताओं पर हमला बोला। गोपाल मंडल ने कहा था, “पार्टी के कुछ लोग नहीं चाहते कि पिछड़ी जाति का कोई नेता आगे बढ़े। जिसे टिकट दिया गया है, वह इसके लायक नहीं।”
इतना सब कहने के बावजूद उन्हें पार्टी से बाहर नहीं किया गया। राजनीतिक गलियारों में यही चर्चा है कि नीतीश कुमार ने जानबूझकर गोपाल मंडल को बख्शा है, क्योंकि उन्होंने कभी सीधे तौर पर नीतीश कुमार पर हमला नहीं किया। गोपाल मंडल बार-बार कहते रहे हैं, “मैं नीतीश जी का सच्चा सिपाही हूं। चाहे निर्दलीय लड़ूं या किसी भी रूप में, नीतीश कुमार का समर्थन हमेशा रहेगा।”
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार फिलहाल गोपाल मंडल जैसे नेताओं पर सॉफ्ट रुख अपनाए हुए हैं, जो भले निर्दलीय मैदान में हैं लेकिन नीतीश की लीडरशिप पर सवाल नहीं उठा रहे। इसके उलट, जिन नेताओं ने पार्टी नेतृत्व पर खुलकर निशाना साधा या नीतीश के खिलाफ बयान दिए, उन्हें बिना देर किए निष्कासित कर दिया गया।
Published on:
26 Oct 2025 10:03 am
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