
महिला अधिकारी अर्यमा दीप्ति (फोटो - X@tusharcrai)
Bihar News: बिहार की राजधानी पटना से लापता हुई कृषि विभाग की महिला अधिकारी अर्यमा दीप्ति आखिरकार 36 घंटे बाद सुरक्षित मिल गई हैं। पुलिस ने उन्हें सारण जिले के मशरक में ढूंढ निकाला। इससे उनके लापता होने को लेकर चल रही सभी अटकलों, अफवाहों और सनसनीखेज दावों पर विराम लग गया है। पुलिस जांच से यह साफ हो गया है कि महिला अधिकारी का न तो अपहरण हुआ था और न ही वह किसी प्रेमी के साथ भागी थी, लेकिन सच्चाई काफी अलग और चौंकाने वाली है।
यह पूरा मामला तब सामने आया जब बख्तियारपुर के अथमलगोला ब्लॉक में तैनात कृषि विभाग की अधिकारी अर्यमा दीप्ति शुक्रवार शाम को अचानक लापता हो गईं। उनके पति शुभम कुमार के मुताबिक, उन्होंने उस दिन हमेशा की तरह उन्हें ऑफिस छोड़ा था। कोई झगड़ा नहीं हुआ, कोई असामान्य बातचीत नहीं हुई। दोपहर तक संपर्क बना रहा, लेकिन शाम तक उनका मोबाइल फोन बंद हो गया। शादी के सिर्फ 23 दिन बाद उनके लापता होने की खबर ने उनके परिवार और प्रशासनिक विभाग दोनों को हिला दिया।
26 दिसंबर की सुबह, अर्यमा दीप्ति हमेशा की तरह ड्यूटी के लिए तैयार हुईं। उनके पति शुभम कुमार उन्हें ऑफिस छोड़कर अपने काम पर चले गए। शुरुआती घंटों में सब कुछ सामान्य था। दोपहर करीब 2 बजे, अर्यमा ने अपने पति से बात की और बताया कि वह कुछ ऑफिस के काम से घर आई हैं।
लेकिन शाम करीब 4 बजे उनका मोबाइल फोन अचानक बंद हो गया। उसके बाद कॉल का जवाब नहीं मिला और मैसेज का भी कोई रिप्लाई नहीं आया। शुरू में परिवार को लगा कि यह नेटवर्क या बैटरी की समस्या है, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, उनकी चिंता बढ़ती गई। देर शाम, उनके पति ने बख्तियारपुर पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
शिकायत के बाद पुलिस हरकत में आई। कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और मोबाइल लोकेशन डेटा की जांच की गई। जांच में पता चला कि महिला अधिकारी की आखिरी लोकेशन उस्मानपुर में था, जो अथमलगोला पुलिस स्टेशन इलाके में आता है। इसके बाद शनिवार सुबह फतुहा इलाके में उनका मोबाइल फोन फिर से ऑन हुआ। लोकेशन में बदलाव से शक हुआ कि महिला अधिकारी को जबरदस्ती कहीं ले जाया गया होगा या फोन किसी और के पास था। पुलिस ने संभावित रास्तों, ऑटो-रिक्शा स्टैंड और CCTV फुटेज की जांच शुरू की। इस दौरान एक फोन नंबर सामने आया जिससे उन्होंने आखिरी बार बात की थी। इसके बाद लव एंगल की अफवाहें तेज हो गईं।
पुलिस टीम ने लापता होने के 36 घंटे के अंदर महिला अधिकारी को ढूंढ निकाला। उनके मिलने के बाद पूछताछ में जो जानकारी सामने आई, उससे सभी अफवाहों पर विराम लग गया। बढ़ सबडिवीजन के SDPO-1 आनंद कुमार सिंह के अनुसार, महिला अधिकारी ने अपने बयान में कहा कि वह किसी दबाव, डर या जबरदस्ती से कहीं नहीं गई थीं। असल में, उनकी करीबी दोस्त अंजलि कुमारी उर्फ गोल्डी का जन्मदिन था, जो सारण जिले के मशरक की रहने वाली हैं। वो अपनी दोस्त को सरप्राइज देने के लिए वह बिना किसी को बताए वहां चली गई थीं।
पुलिस के अनुसार, मोबाइल फोन बंद होने का कारण बहुत ही साधारण था। महिला अधिकारी ने पुलिस को बताया कि उनके फोन की बैटरी खत्म हो गई थी। इसी वजह से वह अपने परिवार से संपर्क नहीं कर पाईं, जिससे मामला गंभीर हो गया।
पुलिस ने साफ किया है कि जांच में किसी भी प्रेम संबंध या अपहरण का कोई सबूत नहीं मिला है। SDPO ने साफ किया कि महिला अधिकारी के साथ कोई युवक नहीं मिला, न ही उनके बयान से ऐसी कोई बात सामने आई। उन्होंने कहा कि पूरा मामला टेक्निकल और ह्यूमन इंटेलिजेंस के आधार पर हैंडल किया गया, और जो तथ्य सामने आए हैं वे पूरी तरह से सामान्य हैं।
Updated on:
28 Dec 2025 02:44 pm
Published on:
28 Dec 2025 02:42 pm
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