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हार के बाद भी मैदान में PK! भोजपुरी में ग्रामीणों से बात करते दिखे प्रशांत किशोर, जन सुराज की नई शुरुआत के संकेत

बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रशांत किशोर ने जन सुराज के सभी इकाइ को भंग कर दिया है और नई रणनीति के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में है।

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जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर

जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर (Photo-IANS)

बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी प्रशांत किशोर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे भोजपुरी में ग्रामीणों से बातचीत करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में वे रास्ते में गाड़ी रोककर लोगों का हाल-चाल पूछ रहे हैं। इस वीडियो से कयास लगाए जा रहे हैं कि पीके (प्रशांत किशोर) फिर से अपनी तैयारी शुरू कर चुके हैं। प्रशांत किशोर ने हार के बाद कहा था, "मैं बिहार में ही रहूंगा, दोगुनी ताकत से लड़ेंगे। पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है"। उन्होंने माफी भी मांगी और प्रायश्चित के लिए सामूहिक मौन उपवास रखने की बात कही थी।

प्रशांत किशोर ने पार्टी में बड़ा बदलाव

जन सुराज के सूत्रों के मुताबिक, बिहार चुनाव में हार के बाद प्रशांत किशोर ने पार्टी में बड़ा बदलाव किया है। वे जन सुराज को नए सिरे से लॉन्च करने की तैयारी में हैं। पीके ने मौजूदा संगठन को भंग कर दिया है, साफ संकेत है पुराने तरीके नहीं, नए तरीके से नई टीम और ढांचे पर काम होगा। फोकस भीड़ जुटाने पर नहीं, बल्कि ऐसे कार्यकर्ताओं पर होगा जो लंबे समय तक मैदान में टिक सकें। इसके लिए प्रखंड से राज्य स्तर तक पर्यवेक्षक लगाए जा रहे हैं, ताकि मजबूत कैडर सिस्टम तैयार हो सके।

रोजमर्रा की समस्याओं को पार्टी से जोड़ा जाए

जन सुराज का विधानसभा में कोई प्रतिनिधि नहीं है, इसलिए पार्टी सदन की जगह सड़कों पर विपक्ष की भूमिका निभाएगी। प्रशांत किशोर की योजना है कि आम लोगों की रोजमर्रा की समस्याओं को पार्टी से जोड़ा जाए और इन्हें मुद्दा बनाया जाए। फिलहाल, पार्टी दाखिल-खारिज में गड़बड़ी, आय और आवासीय प्रमाण पत्र के लिए भटकना, और प्रखंड कार्यालयों में भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर फोकस करेगी। इन्हीं समस्याओं को लेकर जन सुराज आंदोलन और धरना-प्रदर्शन करेगी ।

विधान परिषद चुनाव और पंचायत चुनाव पर फोकस

जन सुराज की नजर 2026 के बिहार विधान परिषद चुनाव और पंचायत चुनाव पर है। पार्टी स्नातक और शिक्षक कोटे की सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है, खासकर पटना, दरभंगा, तिरहुत और कोसी जैसे बड़े इलाकों में। साथ ही, पंचायत चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर संगठन को गांव तक पहुंचाना चाहती है। पार्टी का मानना है कि इससे बिहार की राजनीति में मजबूत मौजूदगी दर्ज होगी ।