
रोपवे ट्रायल में ही धड़ाम। फोटो- सोशल साइट एक्स
बिहार के रोहतास में रोहतासगढ़ किला और रोहितेश्वर धाम के बीच की यात्रा को सुगम बनाने के लिए बन रहे रोपवे ट्रायल में ही शुक्रवार को गिर गया। कैमूर पहाड़ी स्थित रोहतासगढ़ किला और रोहितेश्वर धाम के बीच यात्रा को सुगम बनाने के लिए 13 करोड़ की लागत से रोपवे बना था। नए साल में उद्घाटन होना था, ट्रायल चल रहा था। लेकिन, ट्रायल में ही पिलर धंस गए, अपर टर्मिनल स्टेशन भी आंशिक क्षतिग्रस्त हुआ। कोई जन-धन हानि नहीं हुई। जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित, 24 घंटे में रिपोर्ट देने का निर्देश।
रोहतास में प्राचीन रोहतासगढ़ किला और रोहितेश्वर धाम मंदिर की यात्रा को आसान बनाने के लिए 2020 में रोपवे का निर्माण शुरू हुआ था। 2023 में बनना था, लेकिन नहीं बन पाया। अब जाकर तैयार हुआ था। आम लोगों के लिए शुरू होने से पहले ट्रायल चल रहा था, शुक्रवार को गिर गया। निर्माण में कई तकनीकी अड़चनें आईं, तमाम कठिनाइयों के बाद पूरा हुआ था।
करीब 1324 मीटर लंबे इस रोपवे में 5 टावर हैं, कुछ टावरों पर 40 डिग्री की चढ़ाई है। इसके शुरू होने से 1400 फीट ऊंचे रोहतासगढ़ तक पहुंचना आसान हो जाता। अभी तक लोग पैदल आते-जाते थे। शुरू होने पर किसी भी मौसम में लोग आ-जा सकते थे, राहत मिलती।
सूत्रों के मुताबिक, CM के संभावित दौरे को लेकर प्रशासनिक दबाव में जल्दबाजी में ट्रायल कराया गया था। ट्रायल सफल बताते हुए मार्च में आम लोगों के लिए खोलना था। लेकिन, ट्रायल में ही टावर धंस गए, गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए। शुक्रवार को सामान लोड कर ट्रायल हो रहा था, तभी मेन टावर गिर पड़ा।
बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने कोलकाता की रोपवे एंड रिसोर्स प्राइवेट लिमिटेड को निर्माण की जिम्मेदारी दी थी। 2020 में सर्वे के बाद निर्माण शुरू हुआ, अनुमानित लागत 12.65 करोड़ थी। 14 माह में पूरा करना था, लेकिन समय पर नहीं हुआ। 2021, फिर 2023 में पूरा करने को कहा गया, लेकिन नहीं हो पाया। अब चालू होना था, इससे पहले टावर धंस गया।
Updated on:
27 Dec 2025 08:41 am
Published on:
27 Dec 2025 06:40 am
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