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प्रियरंजन भारती की रिपोर्ट...
(पटना): मुजफ्फरपुर बालिका गृह और पटना के आसरा शेल्टर होम की तरह बिहार के मोतिहारी, गया और कैमूर शेल्टर होम्स में भी महिलाएं और बच्चे यातनाओं और यौन शोषण के शिकार हैं। इनके संचालकों पर भी कार्रवाई की सिफारिश टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की रिपोर्ट में की गई है। राज्य के कुल पंद्रह शेल्टर होम में ऐसी दास्तान बार बार दोहराई जा रही है, पर यहां कोई सुधि लेने वाला नहीं है। मोतिहारी, गया और कैमूर की कहानियां रोंगटे खड़े कर देती हैं। मोतिहारी और गया चिल्ड्रेन होम में नाबालिगों के साथ जबरन समलैंगिक संबंध बनाए जाते और उन्हें यातनाएं देने की भी बात सामने आई है। गया चिल्ड्रेन होम से बच्चों को पटना शिफ्ट किया गया है। 11 अगस्त को इन्हें पटना लाया तो गया, पर इनकी बीमारू काया और आंखों में दहशत देखकर किसी को भी इन पर किए गए ज़ुल्मों का अंदाजा हो जाएगा।
रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने समाज कल्याण विभाग के छह सहायक निदेशक तथा छह चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर को निलंबित कर दिया लेकिन सिफारिश के बावजूद गया, कैमूर और मोतिहारी में कोई कार्रवाई नहीं की गई।
गया में बालकों का शोषण
गया में दाऊदनगर ऑर्गेनाइजेशन फॉर रूरल डेवलपमेंट नामक एनजीओ ब्वॉयज होम का संचालन करता है। टीस की संस्था कोशिश जब सर्वे करने पहुंची, तो बच्चों ने आपबीती सुनाकर सन्न कर दिया। इन्हें एक कमरे में ठूंसकर रखा जाता और खूब यातनाएं दी जाती हैं। एक बच्चे ने खाना बनाने से मना कर दिया तो उसकी गाल पर धारदार हथियार से गहरे घाव कर दिए गए। बच्चों के साथ यहां के कर्मी जबरन समलैंगिक संबंद्ध बनाते और यातनाएं देते हैं। टीस की सिफारिश के बावजूद कार्रवाई के नाम पर सिर्फ बच्चों को पटना शिफ्ट कर दिया गया है।
मोतिहारी ब्वायज होम में ज़ुल्म
मोतिहारी में 'कोशिश' नामक एनजीओ ब्वॉयज होम का संचालन करता है। पुलिस ने समलैंगिक संबंध बनाने के आरोप में संस्था के हाउस फादर श्याम बाबू को गिरफ्तार किया, लेकिन टीस की सिफारिश के बावजूद कोई कार्रवाई और नहीं की गई।
कैमूर शॉर्ट होम में महिलाओं पर जुल्म
ग्राम स्वराज संस्थान नामक एनजीओ द्वारा संचालित इस होम में भूली भटकी महिलाओं को रखा गया है। यहां के गार्ड पर ही यौन उत्पीड़न के आरोप हैं। बाद में उसे पकड़ा गया।
Published on:
13 Aug 2018 07:55 pm
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