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Sonpur Mela: सोनपुर मेले में छाया 66 इंच का घोड़ा AK-56, बादाम-अखरोट और 5 लीटर दूध वाली है डाइट

Sonpur Mela: विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला में इस बार एक घोड़ा छाया हुआ है। उसका नाम है AK-56 है। नाम के अलावा इस घोड़े की खास बात है इसकी हाइट और डाइट। 

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पटना

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Anand Shekhar

Nov 16, 2025

sonpur mela

AK 56 घोड़ा (फोटो-फेसबुक)

Sonpur Mela: बिहार का विश्व प्रसिद्ध सोनपुर पशु मेला एक बार फिर सुर्खियों में है। एशिया के सबसे बड़े पशु मेले में हर साल दूर-दूर से हज़ारों पशु-पक्षी, व्यापारी और दर्शक आते हैं। लेकिन इस बार एक घोड़ा सबका ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। इसका नाम है AK-56, जिसे सुनते ही उत्सुकता बढ़ जाती है। नाम भले ही किसी आधुनिक राइफल जैसा लगे, लेकिन असल में यह सिंध नस्ल का 66 इंच लंबा, दमदार, प्रतियोगिता जीतने वाला घोड़ा है, जो कदम रखते ही मेला परिसर में चर्चा का विषय बन गया है।

चार घोड़ों के साथ पहुंचे पटना के रूदल यादव

पटना सिटी निवासी रूदल यादव इस मेला सीज़न के सबसे ज्यादा चर्चित प्रतिभागी बन गए हैं। वो इस बार अपने चार घोड़ों के साथ सोनपुर मेला के घोड़ा बाजार में आए हुए हैं। इनमें AK-56, थार, बाबर और एक अन्य नवयुवा घोड़ा शामिल है। हालांकि चर्चा का मुख्य केंद्र AK-56 रहा, जिसकी कद-काठी, फिटनेस, प्रशिक्षण और डाइट ने हर किसी को चौंका दिया। रूदल यादव के अनुसार, ये घोड़े बिक्री के लिए नहीं, बल्कि शौक, पहचान और रॉयल हॉर्स ट्रेनिंग का परिणाम हैं। वे वर्षों से उच्च नस्ल के घोड़ों को ट्रेनिंग, पोषण और प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करते आ रहे हैं।

क्या बनाता है AK-56 को सुपरस्टार?

सिंध नस्ल का यह घोड़ा औसत लंबाई से काफी बड़ा है, जिसकी वजह से यह दिखने में बेहद आकर्षक और प्रभावशाली लगता है। यह घोड़ा वैशाली, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में आयोजित दौड़ प्रतियोगिताओं में कुल 5 बार विजेता रह चुका है। इससे इसकी रफ्तार, सहनशक्ति और ट्रेनिंग का स्तर खुद ब खुद साबित होता है। AK-56 की स्पीड करीब 42 किलोमीटर प्रति घंटा बताई जाती है, जो इसे प्रतियोगी घोड़ों की टॉप कैटेगरी में पहुंचाती है।

खाता है बादाम, अखरोट और 5 लीटर गाय का दूध

मेले में पहुंचे दर्शकों को सबसे ज्यादा हैरान किया AK-56 के भोजन चार्ट ने। सामान्य घोड़े जहां चारा-भूसा पर निर्भर होते हैं, वहीं AK-56 को रोजाना बाजरा, जौ, चना और चुना-भूसा के साथ-साथ अखरोट और बादाम भी खिलाए जाते हैं। सबसे बड़ी बात है कि यह घोड़ा प्रतिदिन 5 लीटर शुद्ध दूध पीता है। इसके लिए मालिक ने घर पर ही साहीवाल और गिर नस्ल की गायें पाल रखी हैं, जिससे घोड़े को सर्वोत्तम दूध उपलब्ध कराया जा सके।

थार और बाबर भी चर्चा में

मेले में थार और बाबर नामक घोड़े भी लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। थार अपनी 36 किमी/घंटा की रफ्तार और किसी भी परिस्थिति में आसानी से दौड़ने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध है। चाहे सड़क समतल हो, टूटी-फूटी हो या ऊंचाई-नीचाई वाली। दूसरी ओर बाबर को उत्तर प्रदेश और बिहार का चैंपियन बताया गया है। फैजाबाद में आयोजित अखिल भारतीय स्तर की घोड़ा दौड़ में यह दो बार विजेता रह चुका है। इसकी स्पीड 40-45 किमी/घंटा तक दर्ज की गई है।