
कॉन्सर्ट से एक दिन पहले एसएमएस स्टेडियम में आंखों पर पट्टी बांध कर की थी रिहर्सल
अनुराग त्रिवदीे
जयपुर. 26 नवम्बर 1987 को शहर के सवाई मान सिंह स्टेडियम में स्वर कोकिला लता मगेशकर का कॉन्सर्ट आयोजित किया गया था। यह कॉन्सर्ट राजस्थान के बाढ़ पीडि़त लाेगों की सहायतार्थ हुआ था। इस कॉन्सर्ट के जरिए एक करोड़ एक लाख रुपए सीएम रिलीफ फंड में जमा करवाए गए थे और इसके लिए लता मंगेशकर ने एक रुपए भी मेहनताना नहीं लिया था। इस कॉन्सर्ट की यादें आज भी लोगों के जेहन में जिन्दा है। भारत रत्न लता मंगेशकर ने एसएमएस स्टेडियम में कॉन्सर्ट से एक दिन पूर्व आंखों पर पट्टी बांधकर रिहर्सल की थी। यह आयोजकों के लिए बिलकुल अद्भुत दृश्य था, लताजी का मानना था कि खाली स्टेडियम को भरा हुआ समझने के लिए आंखों पर पट्टी बांधी थी।
100 लोगों से सर्वे के बाद गानों की लिस्ट
सुर संगम के केसी मालू ने बताया कि लताजी से जब जयपुर का कॉन्सर्ट फाइनल हुआ तो उन्होंने पूछा कि राजस्थान वाले मुझसे क्या सुनना चाहेंगे। इस पर हमने 100 लोगों से लताजी के 10-10 गाने मंगवाए और उसके बाद 26 गानों की लिस्ट तैयार की। इन गानों की रिहर्सल उन्होंने मुम्बई में चार बार पूरे ऑर्केस्ट्रा ग्रुप के साथ की और पांचवी बार जयपुर में आंखों पर पट्टी बांध कर की। इस कॉन्सर्ट के लिए 20 रुपए से लेकर 2 हजार रुपए के टिकट थे, जिनसे कुल एक करोड़ एक लाख रुपए जमा हुए। इस काॅन्सर्ट के लिए हमने जयपुर के सभी म्यूजिशियंस को हमने टिकट खरीदकर कॉन्सर्ट सुनवाया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री हरदेव जाशी जी ने भी टिकट लेकर कॉन्सर्ट सुना था।
अपने गुरु खेम चन्द प्रकाश को किया था याद
कॉन्सर्ट की आयोजन समिति से जड़े मुकेश अग्रवाल ने बताया कि इस कॉन्सर्ट में लताजी ने अपने गुरु खेम चन्द्र प्रकाश को भी याद किया था। लताजी ने कहा कि फिल्मी गीतों से मुझे पहचान दिलवाने वाले खेमचन्द जी राजस्थान से हीथे और उनके संगीत में तैयार किया गाना आएगा आने वाला रिलीज हुआ था, जो मेरा उस समय का सबसे बड़ा हिट गाना था। इस गाने को लताजी ने जयपुर में सुनाया। धर्म सज्जन ट्रस्ट के अजय चोपड़ा ने बताया कि इस कॉन्सर्ट के लिए तत्कालीन सरकार ने भी पूरी मदद की थी और यह उस समय का सबसे बड़ा शो था। लताजी ने इससे बड़ा शो राजस्थान में फिर कभी नहीं किया।
लाइव बनाया था पोर्टेट
इस कॉन्सर्ट में जाने से पहले जयपुर के मूर्तिकार राजेन्द्र मिश्रा ने लता मंगेशकर का लाइव पोर्टेट बनाया था, जिसे देखने के बाद वे काफी प्रस्न्न हुई थी। मिश्रा ने बताया कि रामबाग होटल में जब वे रूकी हुई थी, तब उनके परिचित एक डॉक्टर के कहने पर हमने वहां यह पोर्टेट बनाया था। जिसके बाद लताजी ने एक लेटर लिखकर मूर्ति की तारीफ की थी। दिवंगत मूर्तिकार अर्जुन प्रजापति की कलाकृतियां देखने के बाद उन्होंने उनकी कला की भी जमकर सराहना की थी।
सीआइडी की बहुत बड़ी फैन थी
सीआइडी में डॉक्टर सालुंके की भूमिका निभाने वाले एक्टर नरेन्द्र गुप्ता ने बताया कि लता दीदी सीआइडी की बहुत बड़ी फैन थी, उन्होंने ही पहली बार सीआइडी की टीम को अपने घर पर बुलाया। इसके बाद मैं उनके घर का ही सदस्य बन गया। वे अक्सर मुझे कहा करती थी कि तुझे कुछ भी कहना है तो कह दिया कर मैं तेरी बड़ी दीदी हूं। यहां तक की उन्होंने पत्र लिखकर भी मुझे इस तरह का प्यार दिया है। उनके जाने का बहुत दुख है, बड़ी बहन ने मुझे बहुत प्यार दिया है, उनके दिए हुए बहुत सारे गिफ्ट मेरे पास आज भी सुरक्षित रखें हुए है।
हर साल जन्मदिन का सेलिब्रेशन
सिंगर रश्मि बालोदिया ने बताया कि स्वर साम्राज्ञी लताजी मेरी गुरु और आर्दश है। उनसे बहुत कुछ सीखा है, उनके जन्मदिन को जयपुर में म्यूजिकल अंदाज में सेलिब्रेट करना मेरा मकसद होता है। उनके जन्मदिन को खास बनाने के लिए जयपुर में हर साल म्यूजिक कॉन्सर्ट का प्लान करते हैं और लोगों को लताजी के गानों से एंटरटेन करते हैं। मेहंदी आर्टिस्ट मोहन लाल ने लताजी के निधन के बाद हाथ पर लताजी का पोर्टेट बनाकर उन्हें भावभीनी श्रद्वांजलि अर्पित की।
आज संपूर्ण वतन के लोगों की आंखों में पानी है
लिरिसिस्ट अविनाश त्रिपाठी ने कहा कि आज सर्म्पण विश्व में आवाज का कोई दूसरा ईश्वर , कोई दूसरी देवी आएगी, असंभव सा लगता है। आज 140 करोड़ हिंदुस्तानियो की आवाज दरक गई है, सारे राग बीच से टूट गए है। मुझे लगता है अगर संगीत कोई चेहरा दिया जाए, रागो को एक आवाज दी जाए, तो यकीनन वो चेहरा लता मंगेशकर का होगा, वो आवाज हूबहू लता मंगेशकर की होगी।
Published on:
07 Feb 2022 09:26 pm
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