
प्रतिभागियों ने सीखी रोमन और देवनागरी में 'कैलिग्राफी' आर्ट
जयपुर. जवाहर कला केन्द्र की ओर से आयोजित 'ऑनलाइन लर्निंग - चिल्ड्रन्स समर फेस्टिलव' के चौथे दिन सोमवार को प्रतिभागियों ने रोमन और देवनागरी लिपि में 'कैलिग्राफी' कला के गुर सीखे। इस सेशन का संचालन विजुअल आर्टिस्ट हरिशंकर बालोठिया ने किया। सेशन के दौरान प्रतिभागियों को कैलिग्राफी के मूल सिद्धांत, अक्षरों की संरचना और गठन, कलम दबाव, स्थिरता बनाए रखने, स्पेस का उपयोग करना जैसी बातों के बारे में बताया गया। इस सेशन में 330 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।सेशन की शुरुआत में आर्टिस्ट ने रोमन लिपि में लोअरकेस अक्षरों को लिखने के तरीके बताए। इसके बाद कर्सिव और अपरकेस रोमन अक्षरों को लिखना समझाया गया। इस दौरान उन्होंने दो पंक्तियों के बीच लेखन के कॉन्सेप्ट, आरोही और अवरोही के साथ-साथ लिखने के एंग्लस को भी समझाया।
स्ट्रोक्स से अक्षर बनते हैं खास
कैलिग्राफी के दौरान निरंतरता बनाए रखने के कॉन्सेप्ट पर प्रकाश डालते हुए बालोठिया ने बताया कि डीमार्किंग स्पेस (1 बॉक्स), सेंटर मैपिंग और विभिन्न स्ट्रोक्स के जरिए अक्षरों को किस प्रकार से बनाया जा सकता है। आर्टिस्ट दिए गए स्थान के भीतर काम करके और विभिन्न प्रकार के स्ट्रोक के जरिए एक आकर्षक लिपि तैयार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्ट्रोक के लेफ्ट डायगनल, राइट डायगनल, हॉरिजोनटल, वर्टिकल और कर्वड जैसे रूप है। उन्होंने सेशन के समापन पर यह दिखाया कि कैलिग्राफी में परफेक्ट हैंड लेटरिंग के लिए जगह कैसे मापते हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रकार के स्ट्रोक्स और कलम की चौड़ाई का उपयोग करके व्यक्ति आसानी से अक्षरों को माप सकता है। उन्होंने देवनागरी लिपि अक्षर, पेन होल्डिंग तकनीक, पेन प्रेशर के साथ-साथ संचलन की दिशा को भी प्रदर्शित किया।
Published on:
25 May 2020 04:59 pm
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