
देश में महिलाओं की हालत (Photo: Patrika)
Navratri Kanya Pujan 2025: देश में लिंगानुपात से लेकर शिक्षा क्षेत्र में महिलाओं की क्या स्थिति है? खेल के मैदान से लेकर नौकरी के बाजार में महिलाओं की कितनी हिस्सेदारी है? महिलाओं के खिलाफ हिंसा, यौन हिंसा, बलात्कार के मामले में क्या कुछ सुधार आया है? यह सब आंकड़ों के जरिए इस रिपोर्ट में जानने की कोशिश करते हैं।
Sex Ratio In India: भारत में 106 पुरुष पर 100 महिलाएं हैं। देश की कुल आबादी अनुमानत: 144 करोड़ है जिसमें 74.339 करोड़ आबादी पुरुषों की है। इस लिहाज से पुरुष कुल जनसंख्या का 51.56% हैं जबकि महिलाएं 48.44% हैं। वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लिंगानुपात और जन्मदर को लेकर ताजे आंकड़े सामने आए हैं। उन आंकड़ों के हिसाब से वर्ष 2020 में 1000 लड़कों पर 933 लड़कियां पैदा हो रही थीं अब यह घटकर 920 रह गई है।
Female Fertility Rate in India: नमूना पंजीकरण प्रणाली की नवीनतम रिपोर्ट (Sample Registration System) में यह बात सामने आई है कि 2023 में देश की समग्र प्रजनन दर पिछले वर्ष के 2 से घटकर 1.9 हो गई। इस रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि ग्रामीण भारत में प्रजनन दर (Total Fertility rate) 2.1 तक पहुंच गई है। जनसंख्या संतुलन को बनाए रखने के लिए प्रजनन दर 2.1 होना चाहिए। केरल में प्रजनन दर गिरकर 1.8 रह गई है। वर्ष 2023 में दिल्ली में प्रजनन दर 14.66 प्रति हज़ार जनसंख्या से घटकर 2024 में 14 हो गई। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती महंगाई, परिवार चलाने का बढ़ता बोझ, एकल परिवार आदि बातों के चलते तनाव बढ़ रहा है जिसके चलते महिलाओं की प्रजनन क्षमता प्रभावित हो रही है। दूसरी तरफ तनाव और नशा के बढ़ते चलते के कारण पुरुषों स्पर्म काउंट कम हो रहा है।
Women Participation in Indian Job Market: सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2020-21 की तुलना में 2022-23 में नौकरियों में महिलाओं का प्रतिशत 29.5% से बढ़कर 34.2% हो गया। लेकिन, राजधानी दिल्ली में विभिन्न सेवा क्षेत्रों से जुड़ी नौकरियों में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या में कमी आती जा रही है। यहां पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के वेतन या दिहाड़ी में भी कमी आई है। दिल्ली में सेवा क्षेत्र में पुरुषों की तुलना में महिलाओं का प्रतिशत 2020-21 में 28.5% से घटकर 2022-23 में 21.3% हो गया। केरल में कुल कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी 2020-21 में 32.3% से बढ़कर 2023-24 में 36.4% हो गई।
श्रमिक जनसंख्या अनुपात (WPR) के आंकड़ों में अनुसार, राजस्थान में नौकरियों में पुरुषों के अनुपात में महिलाएं कम हो रही हैं। वर्ष 2021-22 में राज्य में नौकरी में ग्रेजुएट पुरुष 61.9% और ग्रेजुएट महिलाएं 17.2% थीं। वर्ष 2019-20 में पुरुष स्नातक 64.8% और महिला स्नातक 22.4 फीसदी नौकरी में थीं। वर्ष 2018-19 में पुरुष स्नातक नौकरियों में 65.0% और महिला स्नातक 19.1% थीं।
Girls School Dropouts: देश में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर लड़कियों के स्कूल छोड़ने की दर आम तौर पर लड़कों की तुलना में कम है। लेकिन, 10वीं कक्षा के बाद लड़कियों के 12वीं कक्षा तक आते आते ड्रॉपआउट का अनुपात लड़कों की तुलना में बढ़ जाता है। ताजे रिपोर्टों के अनुसार, लगभग 40% लड़कियां दसवीं कक्षा के बाद स्कूल छोड़ देती हैं।
पूरे भारत में 2019 की तुलना में 2024 में उच्च कक्षाओं तक शिक्षा जारी रखने वाले छात्रों की संख्या में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। स्कूली शिक्षा शुरू करने वाली प्रत्येक 100 लड़कियों में से 80 से अधिक ने 2024 में बिना स्कूल छोड़े अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी की, जबकि 2019 में यह संख्या केवल 73.5 थी। लड़कों में, यह संख्या क्रमशः 2024 और 2019 में 77.2 और 72.4 थी।
भारत में ड्रॉपआउट को लेकर बिहार की हालत सबसे ज्यादा खराब है। शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (Unified District Information System for Education) के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में वर्ष 2023-24 में माध्यमिक शिक्षा छोड़ने वाले छात्रों की दर सबसे ज़्यादा 20.86% थी। यहां 2023-24 में सिर्फ 38.8% लड़कों ने माध्यमिक शिक्षा पूरी की जबकि 2019 में यह 51.2% था। वहीं 40.3 फीसदी लड़कियों ने माध्यमिक शिक्षा पूरी की जबकि 2019 में 51.6 फीसदी छात्राओं ने माध्यमिक शिक्षा पूरी की थी। राजस्थान में करीब 20 फीसदी लड़कियां माध्यमिक तक पहुंचने में स्कूल छोड़ देती हैं। असम भी नीचे से तीसरे स्थान पर है जबकि दक्षिणी राज्यों में स्कूल में ड्रॉपआउट के मामलों में सुधार दर्ज किया गया है।
Gender Dispairty in Sports in India: भारत में खेल के मामले में बहुत तरक्की हुई है और पुरुष और महिलाओं के बीच की खाई कम तो हुई लेकिन बराबरी के मामले में अभी भी मीलों चलना बाकी हैं। कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम के तहत पुरुष क्रिकेटरों को चार और महिलाओं को तीन कैटेगिरी में रखा जाता है। पुरुष क्रिकेट खिलाड़ियों को ए+, ए, बी और सी कैटेगिरी के तहत क्रमश: 7, 5,3 और 1 करोड़ रुपये सालाना मिलते हैं। वहीं महिलाओं को ए, बी, सी कैटेगिरी के तहत 50, 30 और 10 लाख रुपये सालाना दिए जाते हैं।
वर्ष 2028 में टारगेट पोडियम प्रोग्राम के तहत खेल मंत्रालय ने कोर ग्रुप के पुरुष खिलाड़ियों के लिए सालाना 6 लाख और महिला खिलाड़ियों के लिए सालाना 3 लाख रुपए देने की घोषणा की है। दोनों टीमों के कोर ग्रुप में 40 पुरुष और 40 महिला खिलाड़ी शामिल किए गए हैं।
आमतौर पर भारत में महिला फुटबॉल खिलाड़ी प्रति सीज़न 5 से 10 लाख रुपए तक कमाती हैं। हालांकि ये पैसे उन्हें मैच खेलने पर मिलते हैं। भारतीय फुटबॉल फेडरेशन AIFF खिलाड़ियों के साथ कॉन्ट्रेक्ट नहीं करता है। खिलाड़ियों को मैच खेलने या किसी लीग में भाग लेने पर क्लब की ओर से पैसे मिलते हैं। पुरुष खिलाड़ी एक साल में 10 से 30 लाख रुपए तक कमा लेते हैं। अगर खिलाड़ी हाई-प्रोफाइल है और नेशनल टीम के लिए खेल चुका है तो उसकी कमाई करोड़ों में पहुंच जाती है। महिला खिलाड़ियों को यहां भी पुरुषों के मुकाबले काफी कम मैच फीस मिलती है।
Sexual Violence in India: एनसीआरबी (NCRB) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2021 में प्रतिदिन औसतन 86 बलात्कार के मामले सामने आए जबकि महिलाओं के खिलाफ हर घंटे 49 अपराध दर्ज किए गए। देश में 2021 में 31,677 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए। बलात्कार के मामले पर राजस्थान (6,337) शीर्ष पर रहा। इसके बाद क्रमश: मध्य प्रदेश (2,947), महाराष्ट्र (2,496) और उत्तर प्रदेश (2,845) मामले दर्ज किए गए। राजधानी दिल्ली में 2021 में 1,250 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए थे।
राजस्थान में नाबालिगों और युवतियों के खिलाफ अपराधों में चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही है। राज्य पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से जून 2025 के बीच सामूहिक बलात्कार के 200 से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए। दुखद बात यह है कि इस दौरान बलात्कार के बाद पाँच लड़कियों की हत्या भी कर दी गई। इस अवधि में राज्य में यौन उत्पीड़न के 600 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इसी समान अवधि में पॉक्सो एक्ट के तहत 1,631 मामले दर्ज किए गए। इस वर्ष जून तक महिलाओं के विरुद्ध विभिन्न अत्याचारों से संबंधित कुल 19,600 आपराधिक मामले दर्ज किये गए।
Updated on:
24 Sept 2025 03:29 pm
Published on:
23 Sept 2025 06:07 pm
बड़ी खबरें
View AllPatrika Special News
ट्रेंडिंग
