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किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है राजस्थान सरकार की यह योजना, मिलता है 55% तक अनुदान

राजस्थान सरकार की समन्वित फसलोत्तर प्रबंधन योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है । इसमें सरकार 55 फीसदी तक अनुदान दे रही है।

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समन्वित फसलोत्तर प्रबंधन योजना

समन्वित फसलोत्तर प्रबंधन योजना, Photo- Patrika

जयपुर/रावतभाटा। किसानों की सुविधा के लिए सरकार की ओर से समन्वित फसलोत्तर प्रबंधन योजना शुरू की है। इसके तहत किसानों के खेत से लेकर मंडी तक की यात्रा को न सिर्फ आसान बना दिया है, बल्कि फसल को लंबे समय तक सुरक्षित रखने और बेहतर दाम दिलाने का भी पक्का इंतजाम कर दिया है। जिससें किसानों को काफी राहत मिलेगी।

फसल को महफूज रखने का पूरा इंतजाम

बरसों से खेत में पसीना बहाकर उगाई उपज मंडी तक पहुंचते-पहुंचते बर्बाद न हो जाए, इस डर से किसान अक्सर बेचैन रहते थे। बारिश, धूप, ओलावृष्टि या तेज गर्मी- फसल को खतरा हमेशा बना रहता था। सही भंडारण नहीं होने पर मंडी में दाम भी गिर जाते थे।

ऐसे में समन्वित फसलोत्तर प्रबंधन योजना किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस योजना में खेत से लेकर मंडी तक फसल को महफूज रखने का पूरा इंतजाम है। किसान को मेहनत का पूरा दाम मिलेगा और उपभोक्ताओं को ताजा, पौष्टिक फल-सब्जियां भी उपलब्ध हो सकेगी।

ई-मित्र से ऑनलाइन आवेदन करना होगा, ये चाहिए दस्तावेज

इसके लिए किसानों को ई-मित्र से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आधार कार्ड स्वप्रमाणित, पैन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, चार्टर्ड अकाउंटेंट से तैयार डीपीआर, सिविल इंजीनियर से स्वीकृत ड्राइंग और डिज़ाइन, भूमि के कागज़ात, बैंक लोन स्वीकृति पत्र, शपथ पत्र आदि।

इसलिए जरूरी थी यह योजना

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक देवेंद्र सिंह ने बताया कि गौरतलब है कि मौसम बदलता है, बारिश होती है, गर्मी बढ़ती है और खेतों से मंडियों तक जाते-जाते सब्जियां, फल, प्याज, टमाटर जल्दी खराब हो जाते हैं।

सही भंडारण और प्रोसेसिंग नहीं होने से कई बार मंडी में दाम गिर जाते हैं। नतीजा यह कि किसान की कमाई घट जाती है, मेहनत बेकार चली जाती है।

यह सुविधाएं मिलेंगी

उद्यान विभाग ने किसानों को उनकी जरूरत के हिसाब से कई विकल्प दिए हैं। किसान अपनी खेती, फसल और बाजार के हिसाब से इनमें से कोई भी इकाई लगाकर अनुदान पा सकते हैं।

किसान की उपज को सालभर सुरक्षित रखना। खराब होने से बचाकर सही समय पर सही बाज़ार में बेचना। उपभोक्ताओं को ताजा और पौष्टिक फल-सब्जियां देना। किसान की आमदनी को दुगुना-तिगुना करना।

इस तरह मिलेगा अनुदान

ऐसे में अगर खेत पर ही पैक हाउस हो, फसल को ठंडा रखने के लिए कोल्ड रूम या कोल्ड स्टोरेज हो, या मंडी तक रेफ्रिजरेटेड वाहन से माल पहुंचे तो उपज की गुणवत्ता बनी रहती है।

योजना में 35 से लेकर 55 प्रतिशत तक अनुदान है। अगर आप 10 लाख की यूनिट लगाते हैं तो सरकार 3.5 लाख से 5.5 लाख तक आपके खाते में डालेगी। बाकी पैसा किसान को या बैंक लोन से पूरा करना होगा।