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राजस्थान की जमीन में दबा है अकूत खजाना, पर प्रदेश झेल रहा राजस्व-रोजगार का नुकसान, आखिर क्यों?

Rajasthan Mines : राजस्थान की जमीन में दबा है अकूत खजाना। पर प्रदेश राजस्व और रोजगार का नुकसान झेल रहा है, आखिर क्यों? रिपोर्ट से होगा एक बड़ा खुलासा।

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Rajasthan Land buried huge treasure but it is facing loss of revenue and employment why

ग्राफिक्स फोटो पत्रिका


Rajasthan Mines : राजस्थान सरकार की ओर से पिछले दस साल में प्रदेश में गोल्ड, पोटाश, बेस मेटल, मैगनीज सहित तमाम मिनरल की 103 खानों की नीलामी की जा चुकी। सभी खानों में खनिजों को खनन शुरू हो जाए तो आगामी वर्षों में प्रदेश का खजाना भर जाएगा। बताया जा रहा है कि इन खानों में खनिजों के खनन से सरकार को करीब 5 लाख करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व मिल सकेगा। राज्य के भू-गर्भ में 82 प्रकार के खनिजों का खजाना दबा है, लेकिन अभी तक करीब 52 खनिजों का खनन शुरू हो सका है।

10 साल में 103 मेजर मिनरल खानों की नीलामी, मात्र 5 में ही खनन शुरू

जानकारी के अनुसार, राज्य में पिछले दस साल में नीलामी की गई 103 मेजर मिनरल खानों में से अब तक मात्र 5 में ही खनन शुरू हो सका है। इनमें 3 नागौर और 2 जैसलमेर में स्थित हैं। सभी खानें जल्द शुरू होती हैं तो 2 से ढाई लाख लोगों को सीधे तौर पर और 6 से 7 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इन खानों की नीलामी 50 साल के लिए की गई है।

आगामी कुछ माह में चालू हो जाएंगी खानें

खान विभाग दावा कर रहा कि दस खानों को आगामी कुछ माह में चालू करा दिया जाएगा। मोटे अनुमान के मुताबिक सभी खानें चालू होती हैं तो इनसे सरकार के खजाने में हर साल 10 हजार करोड़ से ज्यादा आएंगे।

7 साल में 23 और 3 में 80 खानों की हुई नीलामी

प्रदेश में वर्ष 2016 से खानों की नीलामी प्रक्रिया शुरू हुई। शुरूआती वर्षों में खान नीलामी प्रक्रिया काफी धीमी रही। पहले सात साल में वित्तीय वर्ष 2022-23 तक मात्र 23 खानों की नीलामी हो सकी। अब तीन वर्षों 2023-24 से 2025-25 में अब तक 80 खानों की नीलामी की जा चुकी है।

केन्द्र और सीया स्तर पर भी लंबित मामले

खानों की पर्यावरण एनओसी को लेकर कई मामले फिलहाल केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय और सीया में भी लंबित चल रहे हैं। यहां संबंधित खान आवंटियों की ओर से कागजी कार्रवाई पूरी कर मॉनिटरिंग नहीं किए जाने से काम रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा।

खोज व खनन के लिए 26 ब्लॉक

26 खानों की नीलामी खनिज खोज और खनन के लिए की गई है। इनमें गोल्ड, पोटाश, ग्रेनाइट, सिलिसियस अर्थ, बेस मेटल, मैगनीज और आयरन ओर खनिज की खानें शामिल है। इसके अलावा 77 खान ब्लॉक खनन के लिए हैं।

इन कंपनियों के पास हैं खान ब्लॉक

अंबुजा सीमेंट, एसीसी सीमेंट, डालमिया सीमेंट, एसजेएसडब्ल्यूसीमेंट, डेक्कन सीमेंट, जे.के. लक्ष्मी सीमेंट, मंगलम सीमेंट, श्रीसीमेंट, सनसिटी केमिकल्स एण्ड मिनरल्स, व्हाइट-एन-व्हाइट मिनरल्स, उदयपुर सीमेंट वर्क्स, स्टार सीमेंट नोर्थ-ईस्ट, रिद्धी-सिद्धी आईएनटी उद्योग, ईमामी सीमेंट, वंडर सीमेंट, गैलेक्सी माइनिंग, सनसिटी केमिकल्स एण्ड मिनरल, नुवोको विस्टा कॉर्पोरेशन आदि। (इनमें कई कंपनियों ने नीलामी में एक से अधिक खानें ली हैं)

15 खानों में आ रही चरागाह भूमि

नीलामी की गई खानों में से 15 में करीब 2500 बीघा चरागाह भूमि आ रही है। इस भूमि को लेकर राजस्व विभाग से एनओसी को लेकर कंपनियों की ओर से कार्रवाई ही नहीं की जा रही है। बताया जा रहा है कि इन प्रकरणों में से एक राजस्व विभाग के और दो कलक्टर के स्तर पर लंबित हैं और 12 प्रकरण में तो आवेदन ही नहीं किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक खानों को लेने वाली ज्यादातर बड़ी कंपनिया हैं, जिनकी प्रदेश में पहले से भी खानें चल रही हैं। ऐसे में वे नई खानों को जल्द चालू करने को लेकर सुस्ती बरत रहे हैं।