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Rajasthan : एमबीबीएस कोर्स की पढ़ाई हुई महंगी, विदेश में 50 लाख तो देश में डेढ़ करोड़ में बनता डॉक्टर

MBBS Course Fee Hike : देश के निजी क्षेत्र में एमबीबीएस कोर्स की पढ़ाई साल दर साल महंगी होती जा रही है। इस बार जारी किए गए फीस स्ट्रक्चर के अनुसार राजस्थान सहित कुछ अन्य राज्यों के निजी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में फीस देश के कई राज्यों और विदेश के कॉलेज से दो से तीन गुना तक ज्यादा है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

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Rajasthan MBBS course studies have become expensive abroad 50 lakhs in India 1.5 crores cost become a doctor

ग्राफिक्स फोटो पत्रिका

MBBS Course Fee Hike : देश के निजी क्षेत्र में एमबीबीएस कोर्स की पढ़ाई साल दर साल महंगी होती जा रही है। इस बार जारी किए गए फीस स्ट्रक्चर के अनुसार राजस्थान सहित कुछ अन्य राज्यों के निजी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में फीस देश के कई राज्यों और विदेश के कॉलेज से दो से तीन गुना तक ज्यादा है।

स्टेट कोटे से देना होगा 25 लाख रुपए सालाना फीस

जानकारी के अनुसार, स्टेट कोटे के अंतर्गत विद्यार्थी को 25 लाख रुपए सालाना फीस और मैनेजमेंट कोटे में 35 लाख रुपए सालाना फीस देनी होगी। एक अन्य कॉलेज में गत वर्ष 18 लाख रुपए सालाना फीस स्टेट कोटे की थी। इस वर्ष यह 23 लाख रुपए है। यहां मैनेजमेंट कोटे की फीस करीब 28 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपए कर कर दी गई है। प्रवेश फीस के अलावा प्रथम वर्ष के अनिवार्य खर्चों में पहले साल के लिए सुरक्षा राशि 5 लाख रुपए होगी। वहीं, लाइब्रेरी फीस 2.5 लाख रुपए प्रति वर्ष तक है। डेंटल के लिए अधिकतम फीस 5.5 लाख रुपए और न्यूनतम 1.80 लाख रुपए सालाना है।

राजस्थान के कुछ निजी कॉलेजों ने सीधे तौर पर नहीं बढ़ाई ट्यूशन फीस

विशेषज्ञों के अनुसार इस बार राजस्थान के कुछ निजी कॉलेजों ने सीधे तौर पर ट्यूशन फीस नहीं बढ़ाई है, लेकिन कुल फीस में करीब 2 से 3 लाख की बढ़ोतरी की गई है। हॉस्टल, लाइब्रेरी जैसे मदों में अलग-अलग कॉलेजों के शुल्क में भी बड़ा अंतर है। यह तब है जब राज्य में फीस कमेटी है, लेकिन वह किन मापदंड़ों पर फीस को मंजूरी देती है, यह सार्वजनिक तौर पर अभिभावकों और स्टूडेंट्स को पता ही नहीं लग पा रहा। राज्य में इस वर्ष 30 सरकारी और 12 निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश दिया जा रहा है।

एक्जिट एक्जाम के बाद संकट

नेशनल मेडिकल कमीशन और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में नेशनल एग्जिट टेस्ट शीघ्र लागू होना है। इस टेस्ट में भारत के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे साढ़े चार साल बाद नेक्स्ट वन का एग्जाम देंगे। विदेश से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थी भी इस परीक्षा का हिस्सा होंगे।

यह है विदेशी कॉलेजों की फीस

भारतीय विद्यार्थियों के लिए वर्ष 2021 में जारी फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट नियमों के अनुसार बांग्लादेश, नेपाल, चीन, उज्बेकिस्तान आदि देशों से 30 से 40 लाख रुपए में पूरी पढ़ाई कर लेते हैं। जिसमें पूरे कोर्स की ट्यूशन फीस रहना खाना इंश्योरेंस, वीजा एवं महत्वपूर्ण अनिवार्य खर्च शामिल हैं। भारत में पूरे कोर्स के लिए 1.5 करोड़ रुपए खर्च कर एमबीबीएस करने के बाद भी नेक्स्ट की परीक्षा भी देनी पड़ेगी।