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Rajasthan Education Department : जयपुर. भीलवाड़ा में स्कूल हादसे के बाद सरकारी स्कूलों में बच्चों की सुुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। हादसे से सबक लेकर सरकार ने प्रदेश में 63 हजार स्कूलों का सर्वे कराया है। इसके बाद शिक्षा विभाग ने जर्जर भवनों, जर्जर घोषित भवनों, कक्षाओं और शौचालयों की रिपोर्ट तैयार की है।
रिपोर्ट आने के बाद विभाग के सामने इन स्कूल भवनों की मरम्मत को लेकर संकट खड़ा हो गया है। कारण है कि 63 हजार स्कूलों को चमकाने के लिए 25 हजार करोड़ रुपए के बजट का अनुमान लगाया गया है। सवाल है कि शिक्षा विभाग के पास इतना बजट कहां से आएगा, क्योंकि केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से मरम्मत का बजट नहीं दिया जाता। नवीन भवनों के लिए ही समग्र शिक्षा अभियान को सालाना 500 करोड़ रुपए तक का बजट दिया जाता है।
63 हजार कुल स्कूल हैं
5567 स्कूल भवन संपूर्ण जर्जर
1579 भवन जर्जर घोषित हैं
8000 करोड़ से सुधरेंगे भवन
36,154 सुरक्षित शौचालय हैं
17,1009 शौचालय पूर्णतया जर्जर।
प्राइमरी स्कूल के भवन - 73 लाख
प्राथमिक स्कूल का भवन - 1 करोड़ रुपए
माध्यमिक स्कूल का भवन - 5 करोड़ रुपए
केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से नवीन भवनों के लिए सालाना बजट दिया जाता है। पुराने भवनों की मरम्मत के लिए राज्य सरकार अपने स्तर पर बजट में घोषणा करती है। बीते 10 साल की बात करें तो राज्य सरकार ने बजट घोषणाओं में स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए 400 करोड़ रुपए दिए हैं। यह बजट भी किस्तों में आया है। इस हिसाब से तो आने वाले 60 साल में 25 हजार करोड़ रुपए का बजट स्कूलों की मरम्मत के लिए मिल पाएगा।
Updated on:
21 Aug 2025 01:52 pm
Published on:
21 Aug 2025 01:51 pm
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