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लौट रहा है ये ‘पुराना कैंसर’, इन दो लोगों के लिए खतरा, जानिए इस Appendix cancer के लक्षण व बचाव

Appendix Cancer in Gen X and Millennials : अपेंडिक्स कैंसर, जिसे पहले बहुत दुर्लभ माना जाता था अब युवा लोगों में बढ़ रहा है। जेन एक्स और मिलेनियल्स में 1940 के दशक में पैदा हुए लोगों की तुलना में इस कैंसर की दर तीन से चार गुना ज्यादा है। 50 साल से कम उम्र के लोगों में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं।

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भारत

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Manoj Vashisth

Sep 15, 2025

Appendix cancer

लौट रहा है ये 'पुराना कैंसर', इन दो लोगों के लिए खतरा, जानिए इस Appendix cancer के लक्षण व बचाव (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)

Appendix Cancer : अपेंडिक्स का कैंसर, जिसे अपेंडिसील भी कहते हैं अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है और आमतौर पर यह संयोगवश ही पता चलता है। लंबे समय से इसे बेहद दुर्लभ माना जाता था जो मेडिकल किताबों में एक दुर्लभता थी। हालांकि हाल के शोध से पता चलता है कि यह चुपचाप युवा लोगों में बढ़ रहा है। नए रिसर्च से पता चलता है कि अपेंडिक्स कैंसर की दर युवा लोगों में बढ़ रही है, जिसमें 50 से कम उम्र के बहुत से लोग शामिल हैं। 1970 के बाद पैदा हुए लोगों विशेष रूप से जेन एक्स (Gen X) और पुराने मिलेनियल्स (Millennials), में 1940 के दशक में पैदा हुए लोगों की तुलना में तीन से चार गुना ज्यादा दर देखी जा रही है।

इससे डॉक्टरों, शोधकर्ताओं और मरीजों का ध्यान इसकी ओर जा रहा है। क्योंकि इसके लक्षण अस्पष्ट होते हैं और शुरुआती जांच सीमित होती है, इसलिए कई मामलों का देर से डायग्नोसिस होता है। इसे एक भुला दिया गया कैंसर कहा जा रहा है, फिर भी यह धीरे-धीरे और भी आम होता जा रहा है।

तो इस विशेष कैंसर के बढ़ने का क्या कारण है? क्या हम इसका जल्दी पता लगा सकते हैं? और यदि आप या आपके किसी प्रियजन को इसके लक्षण महसूस होते हैं, तो आपको क्या जानना चाहिए?

अपेंडिक्स कैंसर क्या है? (What is Appendix Cancer?)

अपेंडिक्स कैंसर या अपेंडिसियल कैंसर तब होता है जब अपेंडिक्स जो बड़ी आंत से जुड़ी एक छोटी थैली होती है। जब इसमें असामान्य कोशिकाएं विकसित हो जाती हैं।

इसके कई प्रकार होते हैं: एडेनोकार्सिनोमा (जिसमें म्यूसिनस उपप्रकार शामिल हो सकते हैं), न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर (एनईटी), गॉब्लेट सेल कैंसर, और अधिक आक्रामक प्रकार। कुछ में बलगम बनता है और यह पेट की परत में फैल सकता है (इस स्थिति को स्यूडोमाइक्सोमा पेरिटोनी कहा जाता है)। अक्सर कैंसर का पता तभी चलता है जब किसी व्यक्ति की अपेंडिसाइटिस की सर्जरी होती है और निकाले गए ऊतक की जांच की जाती है।

अपेंडिक्स कैंसर में बढ़ोतरी (Rise in Appendix Cancer)

शोधकर्ता अभी भी इस कैंसर के बढ़ने की वजह तलाश रहे हैं, लेकिन कुछ संभावित कारण हो सकते हैं:

लाइफ स्टाइल : मोटापा, प्रोसेस्ड फूड का ज़्यादा सेवन और कम शारीरिक गतिविधि जैसे कारक इस कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं।

पर्यावरणीय कारण : खाने में मिलाए जाने वाले रसायन, पेट के बैक्टीरिया (gut microbiome) में बदलाव और एंटीबायोटिक दवाओं का ज़्यादा इस्तेमाल भी एक कारण हो सकता है।

बेहतर पहचान: अब बेहतर तकनीक और ज़्यादा जागरूकता के कारण उन ट्यूमर का भी पता लग रहा है, जिनका पहले पता नहीं चल पाता था। हालांकि, सिर्फ यही एक कारण नहीं है।

जन्म-समूह का प्रभाव: कुछ रिसर्च बताती हैं कि 1970 और 1980 के दशक में जन्मे लोगों में इसका खतरा ज़्यादा है। इसका मतलब है कि किसी खास दौर में जीने का तरीका, खान-पान या पर्यावरण भी इसका एक कारण हो सकता है।

अपेंडिक्स कैंसर के लक्षण (Symptoms of Appendix Cancer)

अपेंडिक्स कैंसर के लक्षण अक्सर सामान्य पेट की बीमारियों जैसे होते हैं, जैसे:

- पेट के निचले दाहिने हिस्से में दर्द

- सूजन या पेट फूलना

- उल्टी या भूख न लगना

- अचानक वजन कम होना

इन लक्षणों के कारण अक्सर लोग इसे अपेंडिसाइटिस या पेट की दूसरी समस्या समझ लेते हैं। इसलिए, इसका पता अक्सर अपेंडिक्स निकालने (Appendectomy) के बाद ही चलता है।

अपेंडिक्स कैंसर का इलाज (Appendix Cancer Treatment)

अपेंडिक्स कैंसर का इलाज कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे कैंसर का प्रकार, वह कितना फैल चुका है और क्या वह शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैला है।

इलाज: अगर कैंसर शुरुआती स्टेज में है, तो सर्जरी से अपेंडिक्स को हटाना ही काफी हो सकता है। अगर कैंसर फैल चुका है, तो साइटोरेडक्टिव सर्जरी के साथ HIPEC जैसी ज़्यादा आक्रामक थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है।