
यूपी बनेगा नान लेदर फुटवियर का हब, PC - Patrika Graphic Team
लखनऊ : यूपी सरकार प्रदेश उद्योग धंधों को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार ने राज्य में लेदर के साथ-साथ नॉन-लेदर फुटवियर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 'उत्तर प्रदेश फुटवियर, लेदर और नॉन-लेदर क्षेत्र विकास नीति-2025' को मंजूरी दे दी गई है। इस नीति का उद्देश्य प्रदेश को इन क्षेत्रों का एक प्रमुख गढ़ बनाना है, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर विकसित होंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, इस नई नीति के लागू होने से प्रदेश में लेदर सेक्टर में 22 लाख नए रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है। वर्तमान में, यह सेक्टर राज्य में 15 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर रहा है। MSME मंत्री राकेश सचान ने बताया कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा लेदर उत्पादक और उपभोक्ता है, जिसमें उत्तर प्रदेश की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। अकेले कानपुर और उन्नाव में 200 से अधिक टेनरियां हैं, जबकि आगरा को देश की 'फुटवियर राजधानी' के रूप में पहचाना जाता है।
सरकार ने जो नई नीति बनाई है उसका एकमात्र लक्ष्य निर्यात को बढ़ावा देना है। रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2023-24 में भारत से फुटवियर, लेदर और नॉन-लेदर क्षेत्र का कुल निर्यात 4.7 अरब डॉलर था। सरकार का अनुमान है कि अगले चार वर्षों में यह निर्यात बढ़कर 8 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। उत्तर प्रदेश देश के सबसे महत्वपूर्ण केंद्रों में से एक है, जहां लेदर इंडस्ट्री का बाजार लगभग 350 करोड़ डॉलर का है।
एकल इकाई: 50 से 150 करोड़ रुपये
फुटवियर व लेदर मशीनरी निर्माण इकाई: 50 से 150 करोड़ रुपये
मेगा एंकर यूनिट: 150 करोड़ रुपये
क्लस्टर लगाने के लिए: 200 करोड़ रुपये
कंपोनेंट की इकाई: 150 करोड़ रुपये
Published on:
08 Aug 2025 10:42 pm
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