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Rajasthan: मनरेगा श्रमिकों का छलका दर्द- ‘साहब उधार की जिंदगी जी रहे हैं… मजदूरी कब दोगे?’ अटका हुआ है 160 करोड़ रुपए का भुगतान

Mgnrega yojana Rajasthan: मनरेगा योजना में पसीना बहाने वाले लाखों श्रमिकों को 4 माह से मजदूरी नहीं मिली है। राजस्थान में इन श्रमिकों का करीब 160 करोड़ रुपए का भुगतान अटका हुआ है।

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manrega women

File Photo- Patrika

Mgnrega yojana Rajasthan: राजस्थान के ग्रामीण अंचल में मनरेगा योजना में पसीना बहाने वाले लाखों श्रमिकों को चार माह से मजदूरी नहीं मिली है। प्रदेश में इन श्रमिकों के 159 करोड़ 98 लाख 16 हजार रुपए और भीलवाड़ा में 1239.32 लाख रुपए का भुगतान अटका हुआ है। इससे श्रमिकों की आर्थिक स्थिति डगमगा रही है।

पन्द्रह दिन में श्रमिकों को भुगतान करने का प्रावधान

प्रदेश भर में मनरेगा कार्यों पर मजदूरी करने वाले श्रमिकों को पिछले करीब चार माह से मजदूरी नहीं मिली है। जबकि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत पन्द्रह दिन में श्रमिकों को भुगतान करने का प्रावधान है। मस्टररोल खत्म होने के 8 दिन में कागजी प्रक्रिया और अगले 7 दिन में खाते में राशि पहुंचनी चाहिए।

'मोबाइल रिचार्ज करवाने के लिए भी पैसे नहीं बचे'

ग्रामीण विकास मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार देशभर में 1687.20 करोड़ रुपए का भुगतान अटका हुआ है। सुवाणा क्षेत्र में मनरेगा पर काम करने वाले बरदीचंद ने बताया कि उसे पिछले करीब चार माह से मजदूरी नहीं मिली है। अब तो मोबाइल रिचार्ज करवाने के लिए भी पैसे नहीं बचे। करेड़ा क्षेत्र के मांगीलाल जाट का कहना है कि पिछले चार माह से मजदूरी नहीं मिली है। ऐसे में उधार लाकर काम चलाना पड़ रहा है।

Rajasthan: किस जिले में कितनी राशि बकाया

मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों का भीलवाड़ा जिले में 1239.32 लाख रुपए, बांसवाड़ा जिले में 2192.51 लाख रुपए, डूंगरपुर में 781.52 लाख, झालावाड़ में 197.75, करौली में 245.08, सिरोही में 288.27 लाख, उदयपुर में 1154.25 लाख, बाड़मेंर में 595.74, चित्तौड़गढ़ में 172.11 लाख, जैसलमेर 647.04, जालोर में 290.73, सवाई माधोपुर में 82.11, टोंक में 249.95 लाख, अजमेर 885.34, अलवर 177.17, बारां 402.41, भरतपुर 42.58, बीकानेर 1127.94, बूंदी 235.19, चूरू 1090.91 लाख, दौसा में 186.45, धौलपुर में 60.61 लाख, हनुमानगढ़ में 335.99, जयपुर 188.1 लाख, झुंझुनूं में 42.9, जोधपुर 1121.18, कोटा 497.55, नागौर 424.4, पाली 295.26, प्रतापगढ़ 313.54, राजसमंद 277.03, सीकर 74.03 तथा श्रीगंगानगर में मनरेगा श्रमिकों का 83.39 लाख रुपए का भुगतान अटका हुआ है। इस तरह प्रदेश में मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार मनरेगा श्रमिकों का कुल 159 करोड़ 98 लाख 16 हजार रुपए का भुगतान बाकी है।

क्रमजिलाबकाया राशि (लाख ₹)
1भीलवाड़ा1239.32
2बांसवाड़ा2192.51
3डूंगरपुर781.52
4झालावाड़197.75
5करौली245.08
6सिरोही288.27
7उदयपुर1154.25
8बाड़मेर595.74
9चित्तौड़गढ़172.11
10जैसलमेर647.04
11जालोर290.73
12सवाई माधोपुर82.11
13टोंक249.95
14अजमेर885.34
15अलवर177.17
16बारां402.41
17भरतपुर42.58
18बीकानेर1127.94
19बूंदी235.19
20चूरू1090.91
21दौसा186.45
22धौलपुर60.61
23हनुमानगढ़335.99
24जयपुर188.10
25झुंझुनूं42.90
26जोधपुर1121.18
27कोटा497.55
28नागौर424.40
29पाली295.26
30प्रतापगढ़313.54
31राजसमंद277.03
32सीकर74.03
33श्रीगंगानगर83.39

मनरेगा श्रमिक अब खेतों पर करने लगे मजदूरी

मनरेगा में मेहनताना बकाया होने से अब श्रमिकों ने खेतों पर मजदूरी शुरू कर दी है। प्रदेश भर में रबी फसलों की बुवाई हो चुकी है। कई जगह खेतीबाड़ी की सार-संभाल करने के लिए श्रमिकों की आवश्यकता होने से मजदूर अब खेतों की ओर डायवर्ट हो रहे हैं। चित्तौड़गढ़ जिले में अभी कुल 7629 श्रमिक मनरेगा कार्यों पर मजदूरी कर रहे हैं।

इनका कहना है

भीलवाड़ा जिले का भुगतान का ऑनलाइन डाटा बनाकर मुख्यालय भेजा गया है। इस संबंध में जयपुर मुख्यालय से हुई चर्चा के अनुसार एक-दो दिन में भुगतान श्रमिकों के खाते में जमा हो जाएगा।

चंद्रभान सिंह भाटी सीईओ जिला परिषद भीलवाड़ा