
'पीर पराई जाणे रे' नृत्य नाटिका - मेहर वाद्य वृन्द द्वारा आश्रम-भजनावली प्रस्तुतिकरण के साथ राष्ट्रीय महात्मा गांधी सम्मान अलंकरण से सम्मानित किया। गीता चंद्रन 'गाँधी’ ताना-बाना' नृत्य नाटिका प्रस्तुत किया।

शमा के साथ 9 कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से उनके संघर्ष, बलिदान के साथ उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी के जीवन संघर्ष को मंच पर जीवंत किया।

नृत्य के माध्यम से साबरमती आंदोलन में लोगों की देखभाल, साउथ अफ्रीका में विदेशियों द्वारा बापू को प्रताडि़त करने पर उनका साथ निभाना, दांडी मार्च में आर्थिक मदद देने जेवर देकर बापू की मदद करना.. जैसे दृश्य पेश किए गए।

मंच पर एलईडी पर बापू और कस्तूरबा के जीवन के दृश्य डिस्पले हो रहे थे।

नृत्य के माध्यम से साबरमती आंदोलन में लोगों की देखभाल, साउथ अफ्रीका में विदेशियों द्वारा बापू को प्रताडि़त करने पर उनका साथ निभाना, दांडी मार्च में आर्थिक मदद देने जेवर देकर बापू की मदद करना.. जैसे दृश्य पेश किए गए।

मंच पर एलईडी पर बापू और कस्तूरबा के जीवन के दृश्य डिस्पले हो रहे थे।

भारत भवन में चल रहे गांधी पर्व के अंतर्गत शुक्रवार को पुणे की शमा भाटे गांधी जी के जीवन पर बेस्ड नृत्य नाटिका 'पीर पराई जाणे रे की प्रस्तुति दी