5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हिंदी दिवस 2018: बॉलीवुड की ये फिल्में बताती हैं हिंदी के महत्व को, जानें इनके बारे में

हिंदी दिवस 2018: बॉलीवुड की ये फिल्में बताती हैं हिंदी के महत्व को, जानें इनके बारे में

2 min read
Google source verification

मुंबई

image

Rahul Yadav

Sep 04, 2018

Bollywood Hindi Movies

हिंदी सिनेमा का भारतीय समाज में शुरू से ही काफी योगदान रहा है। बॉलीवुड में हर तरह की फिल्में बनाई जाती रही हैं। ये फिल्में तब और भी खास हो जाती हैं जब किसी त्योहार और खास मौके के महत्व को बताती हैं। जल्द ही हिंदी दिवस आने वाला है। तो आज हम आपको उन फिल्मों के बारे में बताते हैं, जिनमें हिंदी के महत्व को बताया गया है।

Bollywood Hindi Movie

फिल्म 'इंग्लिश विन्ग्लिश' में दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी ने लीड रोल निभाया था। मूवी में श्रीदेवी को अंग्रेजी नहीं आती और वो न्यूयॉर्क में इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स ज्वाइन कर लेती हैं। इंग्लिश सीखने के बाद श्रीदेवी को पता चलता है कि हिन्दुस्तान में अंग्रेजी को यूं ही पहाड़ बनाकर रखा गया है।

Bollywood Hindi Movie

फिल्म 'नमस्ते लंदन' में अक्षय कुमार और कैटरीना कैफ ने लीड रोल अदा किया था। इसमें अक्षय की पत्नी का किरदार कैटरीना ने निभाया था वह कैटरीना को पाने के लिए लंदन पहुच जाते हैं। जहां-जहां भी मौका मिलता है अक्षय ने फिल्म में भारत का और हिंदी भाषा का प्रचार किया है वैसे भी हम अक्षय की वो स्पीच कैसे भूल सकते हैं जिसमें वह लंदन के गोरे को हिन्दुस्तान की सभ्यता के साथ-साथ हिंदी का महत्व समझाते हैं।

Bollywood Hindi Movie

साल1979 में फिल्म 'गोलमाल' रिलीज की गई थी। इस फिल्म के सभी किरदार जबरदस्त थे पर जिक्र सिर्फ अमोल पालेकर और उत्पल दत्त की कॉमेडी का ही होता है। फिल्म में उत्पल जी ने ठान रखी है कि वे अपने दफ्तर में उसी बन्दे को नौकरी देंगे जो हिंदी भाषा में बढ़ियां जानकारी रखता हो। नौकरी पाने के चक्कर में अमोल पालेकर को डबल रोल की भूमिका निभानी पड़ती है, आखिरकार अमोल को बात समझ आ ही जाती है कि हिंदी भाषा की भारत में क्या महत्वता है।

Bollywood Hindi Movie

स्टारर अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र फिल्म 'चुपके चुपके' साल 1975 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म को लोग आज भी पसंद करते हैं। इसमें धर्मेन्द्र की शानदार हिंदी ने सभी का मन मोह लिया था, साथ ही ये भी बताया कि हिंदी भाषा अपने-आप में ही महान है।