
एनएनएम व एमपीडब्ल्यू कर रहे थे सर्वे टीकाकरण कार्य रुकने के पीछे का कारण यह था कि बाहर से लगातार श्रमिक आ रहे हैं। लोगों की संख्या बढऩे के कारण इनकी स्क्रीनिंग से लेकर घर-घर सर्वे कराए जाने का कार्य किया जा रहा था। जिससे टीकाकरण अभियान पिछड़ गया था, बच्चों व गर्भवती महिलाओं को लगने वाले टीके न लगने परेशानी हो रही थी।

जबलपुर नाका पर टीकाकरण जिले के स्वास्थ्य विभाग ने कलेक्टर की अनुमति लेकर बाहर से आ रहे मजदूरों में गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों के साथ एक डेढ़ साल तक के बच्चों का टीकाकरण जबलपुर नाका पर किया जा रहा है। इस पाइंट पर अन्य राज्यों से मजदूर वापस आ रहे हैं। यहां स्क्रीनिंग के दौरान एनएम मौजूद रहती है, जिससे टीकाकरण भी कराया जा रहा है।

लॉक डाउन में भी बंद नहीं हुआ जीरो डोज दमोह जिले में नवजात शिशु के लिए जीरो डोज का टीका लगता रहा है। प्रसव पाइंटों पर तत्काल लगाया जा रहा था। जिनके घर में प्रसव हो रहे थे, उनके लिए जन स्वास्थ्य रक्षक व एएनएम घर पहुंच रहे थे। शुरूआती दौर में स्वास्थ्य कर्मियों के लिए नाकों पर पुलिस ने रोका-टोका कुछ को वापस भी लौटाया गया। इसके बाद सभी के कार्ड जारी होने के बाद पूरे लॉक डाउन भर जीरो डोज का टीका लगता रहा। ------------------ आंगनबाड़ी में 4 दिन लग रहे टीके आंगनबाड़ी केंद्रों में भी टीकाकरण कार्य शुरू हो चुका है। जिसमें सोमवार, मंगलवार, गुरुवार व शुक्रवार को टीकाकरण किया जा रहा है। यहां भी लॉकडाउन के दौरान लगभग सवा माह के करीब टीकाकरण कार्य बंद था। अब यहां भी टीकाकरण कार्य शुरू हो गया है।

वर्जन लॉक डाउन के बाद जिले में टीकाकरण बंद था। दो सप्ताह पहले टीकाकरण शुरू हो गया है। कंटेनमेंट सर्रा छोड़कर सभी जगह मंगलवार व शुक्रवार टीकाकरण किया जा रहा है। साथ कलेक्टर से अनुरोध किया गया है कि इस दिन एएनएम की ड्यूटी कोरोना सर्वे व स्क्रीनिंग में न लगाई जाए ताकि टीकाकरण सुचारू रूप से चलता रहे। डॉ. रेक्सन एलवर्ट, जिला टीकाकरण अधिकारी दमोह