बुधवार को कलश स्थापना के साथ ही चैत्रनवरात्र प्रारंभ हो जाएंगे। जो लोग पूरे नौ दिनों तक व्रत रखते हैं, उनके पर पर विधिपूर्वक कलश स्थापना की जातो है। साथ ही कई लोग मूर्ति स्थापना भी करते हैं, जिसके लिए कलाकार प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र नवरात्र का प्रारंभ चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है और चैत्र शुक्ल कोयादुर्गा नवमी होती है। इन 9थियों में मां दुर्गा के स्वरूपों की पूजा करते हैं, फिर अगले दिन दशमी को हवन करके पारण होता है।