
नागौर. लोक देवता सत्यवादी वीर तेजाजी महाराज

लोक देवता सत्यवादी वीर तेजाजी महाराज के निर्वाण दिवस पर मंगलवार को खरनाल में आयोजित मेले में तेजाजी के भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। मंदिर में दर्शनों के लिए सोमवार शाम से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया। मंगलवार अलसुबह से देर रात तक दर्शनों के लिए कतारें लगी रहीं।

मेले में भीड़ इतनी थी कि कई श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शन किए बिना बाहर से ही फेरी देकर जाना पड़ा। मेला आयोजन समिति ने दर्शनों के लिए बेरिकेडिंग लगाकर विशेष व्यवस्था की, ताकि श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। पुलिस प्रशासन ने भी मंदिर परिसर के साथ मेला परिसर एवं सभा स्थल पर पर्याप्त मात्रा में जाब्ता तैनात किया।

जमकर हुई खरीदारीमेले में प्रसाद के साथ सौंदर्य प्रसाधन व खिलौने एवं कृषि औजारों की दुकानें सजी, जहां श्रद्धालुओं ने जमकर खरीदारी की। युवाओं ने भोंपू खरीदकर खूब शोर मचाया, वहीं बच्चों ने खिलौने खरीदे तो महिलाओं व युवतियां ने सौंदर्य प्रसाधन का सामान खरीदा। किसानों ने कृषि औजारों की खरीदारी की।

तेजा दशमी पर हर घर में त्योहार की तरह बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को भोजन कराया जाता है। साथ ही मेले में ड्यूटी करने वाले पुलिस व प्रशासन के कर्मचारियों के लिए भोजन की व्यवस्था ग्रामीण करते हैं।


पार्किंग व्यवस्था नि:शुल्कतेजाजी ने जिस प्रकार परहित के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया, उसी तरह की भावना आज भी ग्रामीणों में है। आज जहां धार्मिक मेलों एवं मंदिरों में दर्शन करने के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को अपने वाहन पार्किंग के बदले रसीद कटवानी पड़ती है, वहीं खरनाल गांव में जगह-जगह ग्रामीणों ने नि:शुल्क पार्किंग की व्यवस्था की, ताकि श्रद्धालुओं को अपने वाहन खड़े करने में परेशानी नहीं आए।

दिखा त्योहार-सा माहौलहर बार की तरह इस बार भी खरनाल गांव में तेजा दशमी पर त्योहार-सा माहौल दिखा। गांव के प्रत्येक घर में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष पकवान बनाए गए और रिश्तेदारों के साथ जान-पहचान वालों को आमंत्रित कर भोजन कराया गया।

इस बार पुलिस प्रशासन ने यातायात जाम की स्थिति से निबटने के लिए भारी वाहनों को प्रवेश खींवसर व नागौर बायपास से ही डायवर्ट कर दिया, वहीं मेले में जाने वाले श्रद्धालुओं के चार पहिया वाहनों को भी खरनाल से दो-तीन किलोमीटर पहले रोक दिया।

मेले में लोक संस्कृति, आस्था और परपराओं का संगमनागौर. खरनाल में लोक देवता सत्यवादी वीर तेजाजी महाराज के निर्वाण दिवस पर आयोजित मेले में राजस्थान की लोक संस्कृति व आस्था का सजीव प्रतिबिंब दिखा। तेजाजी के भक्तों का सैलाब मंदिर से लेकर हर तरफ नजर आया। मेले में धार्मिक आस्था के साथ-साथ लोक जीवन की झलक भी देखने को मिली। सफेद धोती-कुर्ता और साफा पहने भक्तों का पैदल यात्रा में हिस्सा लेना, ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर सजावट की छटा अलग ही रही। यह मेला श्रद्धा के साथ ग्रामीण परंपरा और एक-दूसरे के प्रति स्नेह की भावना को भी दर्शाता है। खरनाल मेला लोक संस्कृति और आस्था का एक जीवंत उत्सव है, जो हर साल लोगों को अपनी जड़ों से जोड़ता है और सामूहिक विश्वास की भावना को और मजबूत बनाता है।