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बर्बरीक ने युद्ध का सच बताया तो पाण्डवों का टूटा घमण्ड

When Barbarik told the truth of the war, the Pandavas' pride was broken.

नागौर. खाटू श्याम लीला का दृश्य,

When Barbarik told the truth of the war, the Pandavas' pride was broken.

खाटू श्याम बाबा की लीला में श्रद्धा और भक्ति का संगम

When Barbarik told the truth of the war, the Pandavas' pride was broken.

नागौर. शहर के बाजरवाड़ा क्षेत्र में मातृ शक्ति मंच की ओर से शनिवार को श्रद्धानंद तिवारी के निर्देशन में चार दिवसीय खाटू श्याम बाबा की लीला का मंचन शुरू हुआ। आगामी 17 जून तक रात 8 से 10:30 बजे तक आयोजित होने वाली खाटू श्याम बाबा की लीला में श्रद्धा, भक्ति और संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। इस विशेष कार्यक्रम में छात्र-छात्राएं, अध्यापक-अध्यापिकाएं एवं समाज के विभिन्न व्यवसायों से जुड़े लोग अलग-अलग पात्र की भूमिका में नजर आएंगे। शनिवार को पहले दिन कृष्ण बाल लीला का मंचन किया गया। इसमें कृष्ण रासलीला, कंस वध, द्रोपदी चीर हरण के आदि के साथ माता हिडिंबा और घटोत्कच की ओर से काली मां की पूजा, घटोत्कच और मोरबी का विवाह, बर्बरीक का जन्म के प्रसंगों का मंचन किया गया।

When Barbarik told the truth of the war, the Pandavas' pride was broken.

श्रद्धानंद तिवारी ने बताया कि कार्यक्रम में खाटू श्याम बाबा के जीवन चरित्र, भक्ति और चमत्कारों को नाट्य रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। बीच-बीच में भजनों की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। आयोजन स्थल को श्याम दरबार भव्य और आस्था से सजाया गया है। कार्यक्रम से जुड़ी किशोरी वसुंधरा ने बताया कि इस आयोजन का मुय उद्देश्य समाज में आध्यात्मिकता और संस्कृति के प्रति रुचि जागृत करना है

When Barbarik told the truth of the war, the Pandavas' pride was broken.

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When Barbarik told the truth of the war, the Pandavas' pride was broken.

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When Barbarik told the truth of the war, the Pandavas' pride was broken.

नागौर. बाजरवाड़ा में आयोजित खाटूश्याम लीला का गुरुवार को समापन हुआ। अंतिम दिन कृष्ण- बर्बरीक संवाद, युद्ध के बाद पाण्डवों के जीत के अभिमान को बर्बरीक के माध्यम से तोड़ने, देवी का प्रगट होकर बर्बरीक के शीश को अमृत से सींचना, भगवान कृष्ण का बर्बरीक को वरदान देना आदि दृष्यों का मंचन किया गया। इन दृश्यों से श्रद्धालु अंत तक बंधे रहे। लीला समापन पर भजन गायकों ने एक से बढकऱ एक भजनों की प्रस्तुति दी।

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फूलों से सजाया बाबा का दरबारइस दौरान खाटू श्याम बाबा का फूलों से आकर्षक दरबार सजाया गया। साहित्य कला धर्म संस्कृति समिति के सचिव श्रद्धानंद तिवारी ने बताया कि श्यामलीला में अभिनय करने वाले पेशेवर कलाकार नहीं थे। अभिनय में अनीता शर्मा, संगीता रांकावत, दुर्गा व्यास, गर्विता मिश्रा, हर्षित मिश्रा, कमल मित्तल, सिद्धि व्यास, किशन रांकावत, बबलू जांगिड़, सौम्या, सोहनलाल सेन, रंगलाल, भंवरलाल, मोहन सिंह अधिकारी, रामस्वरूप, कमल किशोर राहड़, हेमलता सेन, हुक्मीचंद, महेन्द्र सेन, रवि सालोदिया, आकाश तिवारी, देव तिवारी, रोमा लखारा, आरती बागड़ी, अंजलि आचार्य, उदय सेन, पुनीत सेन, खुशवीर, प्रिंसी सेन, युक्ति जैन, अदिति जोशी, हर्षवर्धन जैन, गर्वित जैन, प्रेमलता जैन, कान्हा जांगिड़, वामाक्षी पवन व प्राची आदि पात्र का मंचन किया।