
कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां भव्य पुन्नी मेले का आयोजन किया गया है। इस साल भी तीन दिवसीय पुन्नी मेले का आयोजन हो रहा है।

हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन खारुन नहीं के इस तट पर पुन्नी मेले का आयोजन किया जाता है।

कार्तिक पूर्णिमा की सुबह 3:00 या 4:00 बजे से श्रद्धालु खारुन नदी के तट पर पहुंचे हैं।

खारुन नदी के उत्तरी तट पर प्राचीन हटकेश्वरनाथ महादेव तो दक्षिणी तट पर खारुनेश्वर महादेव का मंदिर है। दोनों तरफ श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।

स्नान करने के बाद बाबा हटकेश्वरनाथ के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचते हैं, जहां महादेव जी को जल अर्पित कर पुण्य कमाते हैं।

लोक परंपरा के इस पर्व को देखते हुए महादेवघाट परिसर में बच्चों के झूलों से लेकर खानपान के स्टॉल और सामग्रियों की दुकानों में भी खूब भीड़ रही।

खारुन नदी में दीपदान, पूजा-आरती का जैसा उल्लास रहा है। उसी तरह मठ-मंदिरों में भगवान का अभिषेक पूजन कर महाआरती की गई।