
शहर की एक मात्र बड़ी झील एवं पेयजल का प्रमुख स्रोत कायलाना झील दुर्दशा की शिकार हो रही है। भले ही इससे शहर के बड़े हिस्से के लोगों के कंठ तर होते हों, लेकिन जलदाय विभाग इससे पेयजल खींचने के अलावा कुछ नहीं कर रहा है। हाल ये हैं कि कायलाना के किनारे गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। इसके बावजूद सरकारी तंत्र झील की सफाई पर ध्यान नहीं दे रहा है।

शहर की एक मात्र बड़ी झील एवं पेयजल का प्रमुख स्रोत कायलाना झील दुर्दशा की शिकार हो रही है। भले ही इससे शहर के बड़े हिस्से के लोगों के कंठ तर होते हों, लेकिन जलदाय विभाग इससे पेयजल खींचने के अलावा कुछ नहीं कर रहा है। हाल ये हैं कि कायलाना के किनारे गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। इसके बावजूद सरकारी तंत्र झील की सफाई पर ध्यान नहीं दे रहा है।

शहर की एक मात्र बड़ी झील एवं पेयजल का प्रमुख स्रोत कायलाना झील दुर्दशा की शिकार हो रही है। भले ही इससे शहर के बड़े हिस्से के लोगों के कंठ तर होते हों, लेकिन जलदाय विभाग इससे पेयजल खींचने के अलावा कुछ नहीं कर रहा है। हाल ये हैं कि कायलाना के किनारे गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। इसके बावजूद सरकारी तंत्र झील की सफाई पर ध्यान नहीं दे रहा है।

शहर की एक मात्र बड़ी झील एवं पेयजल का प्रमुख स्रोत कायलाना झील दुर्दशा की शिकार हो रही है। भले ही इससे शहर के बड़े हिस्से के लोगों के कंठ तर होते हों, लेकिन जलदाय विभाग इससे पेयजल खींचने के अलावा कुछ नहीं कर रहा है। हाल ये हैं कि कायलाना के किनारे गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। इसके बावजूद सरकारी तंत्र झील की सफाई पर ध्यान नहीं दे रहा है।

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