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पीलीभीत। भ्रष्टाचार के आरोपों से धिरे निलंबित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को हाईकोर्ट से स्टे नहीं मिल पाया। कोर्ट ने उनकी को याचिता को कर दिया हैं कोर्ट का कहना हैं कि उनकी याचिका निराधार हैं। कोर्ट का फैसला आने के बाद यहां के उनके खिलाफ लाम्बंध शिक्षकों में हर्ष की लहर दौड गई।
कोर्ट ने नहीं दिया हक़ का फैसला
पीलीभीत के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ0 इन्द्रजीत प्रजापति अपनी यहां तैनाती के बाद से ही काफी विवादों में घिरे रहे हैं। उनके उपर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगे। सबसे बड़ा आरोप यह लगा कि अपने एक साजातीय शिक्षक के द्वारा वह धन उगाही करते हैं। उसके इशारे पर काम करने का आरोप लगा। कई बार बीएसए की शिकायतें की गईं और उनके खिलाफ जांच की मांग की गई। हालांकि जिला प्रशासन उनके खिलाफ मिल रही शिकायतों का नजरअंदाज करता रहा। इन्हीं बीएसए की करतूतों की वजह से उनके सामने की उनके खिलाफ नारे लगे। इस की शिकायत विधायक बीसलपुर रामसरन वर्मा ने शासन में की जिस पर जांच हुई और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप सही पाए गए। शासन ने बीएसए को निलंबित कर दिया।
निलंबन के आदेश को दी थी चुनौती
निलंबन आदेश को चुनौती देते हुए बीएसए ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। उधर स्टे की याचिका पड़ते ही दो कैवियट दाखिल कर दी गईं। जिसपर जस्टिस यशवन्त वर्मा की कोर्ट में आज शुक्रवार को सुनवाई हुई जिसमें अदालत बीएसए प्रजापति के वकील की दलीलों को खारिज कर दिया। इस तरह बीएसए की स्टे पाने की हसरत दिल में ही रह गई। शिक्षकों को जब यह मालूम हुआ तो उनमें हर्ष की लहर दौड़ गई।
Published on:
26 Oct 2018 07:01 pm
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