
Ramlila Ground
पीलीभीत। दशकों से पूरनपुर रामलीला मैदान को अतिक्रमण से निजात दिलाने के लिये रामलीला संघर्ष समिति प्रयासरत थी, जो अब मुकाम तक पहुंच गई है। अतिक्रमण हटाने के लिए तहसील प्रशासन 6 जेसीबी मशीनों के साथ जब मैदान में उतरा तो हर तरफ हलचल मच गई। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जेसीबी मशीनों ने कुछ ही घंटों में सभी कच्चे और पक्के अतिक्रमण ढ़हाकर मेला मैदान खाली करा दिया।
रामलीला मेला होने में होती थी दिक्कत
रामलीला मेला के समय जमीन पर कब्ज़े होने की वजह से मेला होने में दिक्कत का सामना करना पड़ता था। मेला मैदान के इस अतिक्रमण को हटाने के लिए लोग कई सालों से आवाज उठा रहे थे। इसको लेकर पिछले तीन साल से मेला बचाओ संघर्ष समिति बनाकर आंदोलन का रूप दिया गया। इस आंदोलन के जरिए लोगों की जन भावनाएं संघर्ष समिति से जुड़ गई और मेला कमेटी का मामला कोर्ट में चला गया। एसडीएम पूरनपुर ने कोर्ट के जरिए कमेटी के विवाद का मामला सुना और फिर दोनों विवादित कमेटियों को अमान्य कर उन्हें भंग कर दिया। इसके साथ ही तहसीलदार पूरनपुर को रामलीला का कंट्रोलर नियुक्त कर दिया।
तहसीलदार के कन्ट्रोलर बनते ही खाली हुआ मैदान
तहसील प्रशासन के कब्जे में रामलीला आने पर अधिकारी हरकत में आ गए। इसको लेकर एसडीएम जेपी चौहान ने पिछले दिनों कब्जेदारों की बैठक लेकर उन्हें चार अक्टूबर तक मेला मैदान खाली करने की चेतावनी दी। चेतावनी का उन पर कोई असर नहीं हुआ। कुछ लोग कब्जे न हटाने को लेकर कोर्ट की शरण में चले गए। कोर्ट ने दो दिन का समय दिया। इसके बाद कोई राहत न मिलने पर प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की पूरी भूमिका तैयार कर ली। रात में अधिकारियों ने मेला मैदान पहुंचकर लोगों को रात में ही सामान हटाने की बात कहीं थी। जिस पर ज्यादातर लोगों ने पूरी रात लगकर दुकानों से सामान हटा लिया। कुछ लोगों ने इसके बावजूद सामान नहीं हटाया। चेतावनी के बाद योजनाबद्ध तरीके से सुबह प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की पूरी तैयारी की और जिले के लगभग सभी थानों से पुलिस फोर्स बुला ली गई।
नहीं हुआ विरोध
भारी पुलिस फोर्स और अधिकारियों की तैयारी के आगे कोई भी विरोध का साहस नहीं कर सका। प्रशासन ने एक एक कर मेला मैदान की जद में आने वाले सभी पक्के और अस्थाई अतिक्रमण को हटा दिया। इसको लेकर एसडीएम जेपी चौहान, सीओ पूरनपुर कमल सिंह, सीओ जहानाबाद योगेंद्र सिह, तहसीलदार आशुतोष कुमार, नायब तहसीलदार अनुराग सिंह और कई पुलिस इंस्पेक्टर मौके पर मौजूद रहे। प्रशासन ने जब तक अभियान चला तब तक किसी भी बाहरी आदमी को मेला मैदान के अंदर नहीं आने दिया।
Published on:
08 Oct 2018 01:22 pm
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