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पीलीभीत। पूरनपुर तहसील में तैनात रहें ग्राम विकास अधिकारी अब पुलिस की जांच में फंस रहा हैं। आरोपी सचिव पर सरकारी धन के गबन के अलावा इंदिरा आवास के लाभार्थियों की भी रक़म हजम कर ली थी। तत्कालीन बीडीओ ने इसमें सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी जिसमें पुलिस ने भी आरोप सही पाए हैं। जांच में क्षेत्रीय प्रधान की भूमिका भी संदिग्ध मिली है। बताया जा रहा हैं कि आरोपी सचिव इस वक्त बीसलपुर ब्लाक में तैनात हैं और भष्टाचारी सचिव को 8 ग्राम पंचायतों का चार्ज देकर अधिकारी भष्टाचार को बढ़ावा दे रहे है।
यहां हुआ था गबन
भ्रष्टाचारी ग्राम पंचायत अधिकारी विवेक वर्मा पूरनपुर विकास खंड के ट्रांस क्षेत्र की ग्राम पंचायत बैलहा, नहरोसा, सिघाड़ा उर्फ टाटगंज में वर्ष 2013 से 2015 में तैनात था। तत्कालीन खंड विकास अधिकारी ऋषिपाल सिंह ने शिकायतों पर जब जांच की तो आरोपी सचिव विवेक वर्मा पर आरोप सिद्व हुए और उनपर दो करोड़ रूपये के सरकारी धन का गबन निकला। इसके बाद तत्कालीन खंड विकास अधिकारी ऋषिपाल सिंह ने हज़ारा थाने में दो करोड़ छह लाख रुपये गबन करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले की जांच में पुलिस ने पाया कि टाटरगंज और बैलहा में इन्दिरा आवासों की जांच में ग्राम प्रधान ने कई लाभार्थियों का बैंक आफ बड़ौदा की शाखा सिद्धनगर ले जाकर पैसा निकलवा लिया। इसके बाद सचिव और ग्राम प्रधान ने राज्य वित्त आयोग, ग्राम निधि के नाम पर कागजों में पूरा होना दर्शाकर अधिकारियों को गलत रिपोर्ट भेजकर सरकारी रकम हज़म कर ली गई।
कई अधिकारियों की जांच में आरोप हुए सिद्ध
जिला प्रशासन ने मामले की जांच पुलिस के अलावा अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और जिला कृषि अधिकारी से कराई थी। इसमें भी गबन की पुष्टि हुई थी। इसके बाद भी अधिकारी सचिव को बचाने में लगे रहे। अब मामले की जांच जब पुलिस ने शुरू की तो फिर से गबन का आरोप सिद्ध हुआ है।
Published on:
29 Oct 2018 12:46 pm
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