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कुर्मी बेल्ट में सरदार पटेल के सहारे पीएम ने साधा निशाना, कांग्रेस पर लगाया अनदेखी का आरोप

PM Modi in Pilibhit: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में पीएम मोदी ने यूपी का चौथा सबसे बड़ा दौरा किया और जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल का जिक्र कर पीलीभीत और आसपास के जिलों के कुर्मी समाज को साधने की कोशिश की।

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PM Modi in Pilibhit

PM Modi in Pilibhit

PM Modi in Pilibhit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चैत्र नवरात्र के पहले दिन पीलीभीत की जनसभा से हिंदुत्व के एजेंडे को धार देते हुए कई संधान किए। पीएम मोदी ने कुर्मी बेल्ट में विपक्ष पर सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabh Bhai Patel) की अनदेखी का आरोप लगाकर देश हित में किए गए उनके कार्यों को याद किया। साथ ही, उन्होंने सिख बहुल तराई क्षेत्र में सिखों की शौर्य गाथा सुनाते हुए उनके उत्थान के लिए किए गए सरकार के कामों का उल्लेख किया। उन्होंने महिला शक्ति को नमन करते हुए महिला सम्मान के प्रति समर्पण भाव को और मजबूत किया। राम मंदिर के जरिए आस्था की बात की और विश्व पटल पर भारत के बढ़ती चमक-दमक की चर्चा कर देश की सुरक्षा, प्रगति से समझौता न करने का संदेश भी दिया। प्रधानमंत्री के भाषण के केंद्र बिंदु में शक्ति, भारत सरकार, सिख, राम मंदिर, सीएए, गन्ना किसान और विकसित भारत रहे।

प्रधानमंत्री ने कहा, सरदार पटेल जो इस देश के महापुरुष थे, जिन्होंने देश की एकता के लिए जिंदगी खपा दी, उनके सम्मान में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) बनवाया गया है। दुनिया का सबसे ऊंचा स्टैच्यू है, लेकिन कांग्रेस, सपा वाले वहीं नहीं जाते। भाजपा ने तो सरदार साहब को सम्मान दिया, लेकिन विपक्ष नहीं दे रहा। सरदार पटेल का जिक्र कर उन्होंने पीलीभीत और आसपास के जिलों की सियासत में निर्णायक दखल रखने वाले कुर्मी समाज को भी साधने की कोशिश की।

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पीएम मोदी ने अपने संबोधन में सिखों का भी पूरा ध्यान रखा। नववर्ष की शुभकामनाओं संग सभी सिख गुरुओं को नमन किया और कहा कि कुछ ही दिन में वैशाखी आने वाली है। मैं उसकी भी शुभकामनाएं देता हूं। मजबूत इरादों के बारे में गुरु गोविंद सिंह के कथन का जिक्र किया। कहा कि, हम बचपन से सुनते आए हैं सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं, तबै गुरु गोविंद सिंह नाम कहाऊं...। ये बोल भारत की वीर परंपरा के प्रतीक हैं। ये बोल दिखाते हैं। कि लक्ष्य कितना ही कठिन क्यों न हो, भारत अगर ठान लेता है, तो सफलता हासिल करके रहता है। आज इसी प्रेरणा से, ऊर्जा से हम लोग विकसित भारत के संकल्प पर काम कर रहे हैं।