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पीलीभीत स्वाधार गृह में छापा, मिलीं अनियमितताएं

जिलाधिकारी के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट ने लखनऊ की स्वयंसेवी संस्था की ओर से संचालित स्वाधार गृह का निरीक्षण किया, जिसमें अनेकों वित्तीय अनियमितताएं पाई गईं।

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पीलीभीत। देवरिया काण्ड के बाद अब प्रशासन की कुम्भकरणी नींद टूटी और उन्हें जिले में चल रहे महिला स्वाधार गृह की याद आयी जहां ऐसी निराश्रित महिलाओं को रखा जाता है जिनका कोई आसरा नहीं होता। हालाकिं इस गृह में बताया जा रहा है कि घर से भागी हुयी या फिर खोयी पायी लड़कियां यहां बाल कल्याण समिति व न्यायालय के आदेश पर भी रहा करती हैं। ऐसे में जिलाधिकारी के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट ने लखनऊ की स्वयंसेवी संस्था की ओर से संचालित स्वाधार गृह का निरीक्षण किया, जिसमें अनेकों वित्तीय अनियमितताएं पाई गईं। सिटी मजिस्ट्रेट ने निरीक्षण आख्या डीएम को दे दी है जिसके बाद कार्रवाई की आख्या शासन को भेजी जा रही है।

जिलाधाकारी ने मांगा स्पष्टीकरण

जिलाधिकारी डॉ अखिलेश कुमार मिश्र के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट अर्चना द्विवेदी ने स्वाधार गृह पहुंचकर करीब तीन घन्टे तक सघन जांच की। जांच के दौरान मीडिया को दूर रखा गया और अधिकारी जवाब देने से बचते नज़र आये। जांच में पता चला कि स्वाधार गृह का संचालन लखनऊ की एक स्वयंसेवी संस्था जन कल्याण शिक्षा समिति की ओर से किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान वहां सात बालिकाएं उपस्थित मिलीं जबकि रजिस्टर में 32 बालिकाएं स्वाधार गृह में होना दर्शाया गया। यह देख सिटी मजिस्ट्रेट ने रजिस्टर अपने कब्जे में ले लिया। डीएम के अनुसार यह वित्तीय अनियमितता का मामला है। जांच के दौरान सीसीटीवी कैमरे भी नहीं पाये गये। जिलाधिकारी ने इसकी संचालिका नीलम गुप्ता से स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही बढ़ी हुई बालिकाओं की फर्जी संख्या दर्शाकर शासन से उसके आधार पर अनुदान लेना भी पाया गया जिसकी पुष्टि होने पर उसकी रिकवरी कराई जाएगी।