
पीलीभीत। राजस्व अधिकारियों व पुलिस पर अपने पद का दुरूपयोग करते हुए मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन करने का आरोप लगा है। एक युवक पर नायब तहसीलदार से मारपीट का आरोप लगाकर जंजीरों से जकड़कर घंटों थाने में बगैर मुकदमा ददर्ज किए बंधक बनाये रखा। वहीं युवक का का कहना है कि उसका कसूर सिर्फ इतना था कि उसने मालिक की गैर मौजूदगी में नायब तहसीलदार को गोदाम की चाबी देने से मना कर दिया था। फिर क्या था नायब तहसीलदार व साथ में गये अन्य अधिकारियों ने उसे बुरी तरह पीटा। बेहोश होने पर थाने लाकर छोड़ दिया। रही सही कसर पुलिस ने जंजीरों से जकड़ कर पूरी कर दी।
जिन लोगों को मानवाधिकार की रक्षा करने का जिम्मा सौंपा गया है वह ही मानवाधिकार की धज्जियां उड़ा रहे हैं। एक युवक को बिना मुकदमा दर्ज किए ही जंजीरों से जकड़ कर घंटों में थाने में बिठा रखा। दरअसल प्रशासन के कई अधिकारी एक साथ गेहूं रखने के लिए तहसील पूरनपुर में राइस मिल गोदामों का निरीक्षण करने गये थे। इसी क्रम में पूरनपुर में स्थित शिवा राइस मिल में नायब तहसीलदार पूरनपुर अनुराग सिंह खाद्य विभाग के अधिकारियों एवं लाव लश्कर के साथ निरीक्षण करने पहुंचे थे। नायब ने मिल कर्मचारी शंकर लाल से चाबी मांगी। शंकर लाल ने चाबी दूसरी जगह से मंगाकर देने की बात कही और दस मिनट इंतजार करने को कह दिया। आरोप है कि इतना सुनते ही नायब तहसीलदार अनुराग सिंह ने पहले गालियां दीं और फिर थप्पड़ जड़ दिये। साथ में मौजूद अन्य अधिकारियों ने भी हाथ साफ कर लिये। जब शंकर लाल बेहोश हो गया तो पुलिस बुलाकर शंकर लाल को पूरनपुर कोतवाली भेज दिया।
शंकर लाल को पुलिस ने दोहपर दो बजे से शाम सात बजे तक इसी तरह जंजीर से बांध कर रखा और सात बजे अनुराग सिंह की तहरीर पर रिर्पोट दर्ज की। यानि पांच घण्टे शंकरलाल को अवैध रूप से जानवरों की तरह कोतवाली के अन्दर जंजीर से बांध कर रखा गया। सात बजे जब नायब तहसीलदार अनुराग सिंह ने मारपीट की तहरीर दी तो शंकर लाल के खिलाफ मुकदमा लिखा गया। जबकि युवक की शिकायत पर गौर ही नहीं किया गया।
Published on:
28 Apr 2018 09:01 am
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