मस्तान बाबा की मज़ार पर ऐसे लगती पेशी
उत्तर प्रदेश के जनपद पीलीभीत के तहसील पूरनपुर का यह गांव जादोपुर गहलुईया। कहने को तो यह एक गांव है लेकिन यहां लोग बहुत-बहुत दूर से आते है। यहां स्थित यह मस्तान बाबा मज़ार कहने को तो यह एक मज़ार ही है, लेकिन यहां की मान्यताएं बहुत है। यहां का यह मज़ार मस्तान बाबा के नाम से प्रसिद्व है और इसी मज़ार पर लगती है भूत/प्रेत/पिशाचों की पेशी यानी कि लगती है अदालत। इस मज़ार के बारे में बताया जाता है कि जिन लोगों पर भूत-प्रेत आदि आ जाते है जिनका इलाज करने में हमारा मेडिकल साईंस भी फेल है, उनका इलाज यहां मज़ार पर होता है। इस्लामिक दिन जुमेरात या गुरूवार के दिन मज़ार पर भूत प्रेतों की पेशी होती है। जिन लोगो पर भूत प्रेत का साया होता है वो अपने परिजनों के साथ यहां आते है और फिर क्या होता वो आप इस वीडियों में खुद देख सकते है। देखिये इन लोगो को यह कोई करतब नहीं कर रहे है यह अपना इलाज करा रहे है। बताया जाता है कि जिन लोगो पर ऐसे असरात आ जाते है और जब वो इस मज़ार पर आते है तो उनकी पेशी खुद व खुद शरू हो जाती है। बरहाल इसे अंध विश्वास तो नहीं कहा जा सकता है क्योंकि यहां आने वाले लोगो का इलाज भी होता है और उन्हे इलाज के बाद राहत भी मिलती है। दूर दराज से आने वाले यह लोग क्या कहते है जरा सुनिये। इतना ही नहीं यहां सभी धर्म समुदाय के लोग इलाज के लिये आते है। वहीं जो लोग मन्नत मांगते है और उनकी मुराद पूरी होने वाली होती है तो मजार की दिवार पर अगर कोई सच्चे दिल से कुछ मांगे तो एक रूप्ये का सिक्का लेकर अपने अंगूठे से आप उसे दीवार पर लगाईये अगर मन्नत पूरी होने वाली होगी तो सिक्का खुद ही चिपक जायेगा। यह सब आप इन तस्वीरों में देख सकते है।
क्या कहते है न्यूरोसर्जन-डा0 योगेन्द्र नाथ मिश्र
वहीं जब मेडिकल के विशेषज्ञों से बात की गयी तो उनका कहना है कि मेडिकल साईंस भूत प्रेत को मानते ही नहीं है। यह एक बीमारी होती है जोकि कैमिकल इम्बेलेंस से होती है। मज़ार/मंदिर पर जाकर मरीज को ठीक कराना यह ठीक नहीं है। मरीज़ को डाक्टर से मिलना चाहिये, हां बात विश्वास की होतो वो अपनी आत्मशक्ति बढ़ाने के लिये वहां जाकर अपनी पूजापाठ के साथ इलाज कर सकता है। लेकिन प्राथमिक्ता डाक्टर को ही देनी चाहिये।