कांग्रेस समेत 16 विपक्षी दल संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का करेंगे बहिष्कार: आजाद
- नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सड़कों से शुरू हुआ विरोध अब संसद तक जा पहुंचा
- 16 विपक्षी दलों ने बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला किया

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध ( Protest Against Agriculture Law ) में दिल्ली की सड़कों से शुरू हुआ विरोध अब संसद ( Parliament ) तक जा पहुंचा है। यही वजह है कि अब कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण ( President's Address ) का बहिष्कार करने का फैसला किया है। संसद में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ( Congress leader Gulam Nabi Azad ) ने गुरुवार को घोषणा करते हुए कहा कि कल से शुरू होने वाले बजट सत्र ( Budget session ) के दौरान संसद की संयुक्त बैठक में 16 विपक्षी दल राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे।
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We're issuing a statement from 16 political parties that we're boycotting President's Address that will be delivered at Parliament tomorrow. The major reason behind this decision is that the Bills (Farm Laws) were passed forcibly in House, without Opposition: GN Azad, Congress pic.twitter.com/9uhtfLKh67
— ANI (@ANI) January 28, 2021
16 राजनीतिक दलों की ओर से बयान जारी
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 16 राजनीतिक दलों की ओर से हम एक बयान जारी कर रहे हैं कि हम संसद में कल यानी शुक्रवार को होने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करते हैं। कांग्रेस नेता ने इस फैसले के पीछे मुख्य वजह संसद में बिना विपक्ष और जबरन पास किए गए तीन कृषि कानूनों को बताया। गुलाम नबी आजाद ने बताया कि कांग्रेस के अलावा राष्ट्रपति के अभिभाषण का विरोध करने वालों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना
एआईटीसी, डीएमके, जेकेएनसी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, सीपीआईएम, सीपीआई, आईयूएमएल, आरएसपी, एमडीएमके, केरला कांग्रेस और एआईयूडीएफ आदि शामिल हैं।
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नए कृषि कानूनों को लेकर भाजपा सरकार पर जमकर निशाना
वहीं, इससे एक दिन पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाांधी ने नए कृषि कानूनों को लेकर भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि अगर देश के सभी किसानों ने कृषि कानूनों में शामिल प्रावधानों को समझा होता तो पूरे देश में आग लग गई होती। केरल में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि देश के अधिकांश किसान कृषि कानूनों के प्रावधानों के सच को नहीं समझ पाए। क्योंकि अगर वो समझ गए होता तो समूचे भारत में कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन खड़ा हो गया होता औ देश में आग लग गई होती। अपने निर्वाचन क्षेत्र वायनाड में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस दौरान एक बार और केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।
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