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32 बार चुनाव हार चुके हैं श्‍याम बाबू, हौसले इतने बुलंद कि अस्‍का और बेरहमपुर से फिर लड़ने जा रहे हैं चुनाव

मेरी पत्‍नी ने हमेशा चुनाव लड़ने के लिए मुझे प्रेरित किया। श्‍याम बाबू कमाई का अधिकतर हिस्सा चुनाव में खर्च कर देते हैं। राजनीति से भ्रष्‍टाचार को हमेशा के लिए खत्‍म करना चाहते हैं ।

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sham babu subudhi

32 बार चुनाव हार चुके हैं श्‍याम बाबू, हौसले इतने बुलंद कि अस्‍का और बेरहमपुर से फिर लड़ने जा रहे हैं चुनाव

नई दिल्‍ली। ओडिशा के बेरहमपुर निवासी और पेशे से 84 वर्षीय होम्‍योपैथी चिकित्‍सक डॉ. श्‍याम बाबू सुबुद्धि 33वीं बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इससे पहले वह लोकसभा, राज्‍यसभा और विधानसभा का चुनाव 32 बार लड़ चुके हैं। अभी तक उन्‍हें हर बार हार का सामना करना पड़ा है। इसके बावजूद उन पर चुनाव लड़ने का जुनून इस कदर हावी है कि वो एक बार फिर लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इस बार उन्‍हें उम्‍मीद है कि वो चुनाव जीत जांएगे और हार का सिलसिला भी टूट जाएगा। चुनाव लड़ने के पीछे उनका मकसद भ्रष्‍टाचार को हमेशा के लिए खत्‍म करना है।

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जब तक स्‍वस्‍थ हूं चुनाव लड़ता रहूंगा

इस बार उन्‍होंने ओडिशा के अस्का और बेरहमपुर सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। वह अपनी कमाई का अधिकतर हिस्सा चुनाव में खर्च कर देते हैं। वह ट्रेनों और बसों में चुनाव प्रचार करते हैं। इसके अलावा बाजार में घूमकर भी लोगों के बीच चुनाव प्रचार करते हैं। वह चार बच्‍चों के पिता हैं। उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं। दोनों की शादी हो गई है। उनकी पत्‍नी का निधन हो चुका है। वह कहते हैं कि मेरी पत्नी ने हमेशा मुझे चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया। मैं जब तक स्वस्थ हूं तब तक चुनाव लड़ता रहूंगा।

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निर्दलीय प्रत्‍याशी के रूप में लड़ते हैं चुनाव

डॉ. श्‍यायम बाबू ने 1962 में पहली बार चुनाव लड था। लोकसभा और राज्‍यसभा से लेकर ओडिशा विधानसभा का 32 बार चुनाव लड़ चुके हैं। उनका दावा है कि कई बार मुझे कई राजनीतिक पार्टियों से चुनाव लड़ने के प्रस्ताव मिले। इसके बावजूद मैं हमेशा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ही चुनाव लड़ता हूं।

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नरसिम्‍हा राव के खिलाफ भी लड़ चुके हैं चुनाव

डॉ. श्‍याम बाबू सु‍बुद्धि गर्व से लोगों को बताते हैं कि वह पीवी नरसिम्हा राव और ओडिशा के जननायक बिजू पटनायक के खिलाफ भी चुनाव लड़ चुके हैं। वह सबसे ज्‍यादा नाराज इस बात को लेकर रहते हैं कि राजनेता मतदाताओं को लुभाने के लिए पैसों का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने बताया कि चुनाव लड़ने के लिए उन्हें जनता से भी पैसा मिलता है।

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