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ED डायरेक्टर पर ‘सुप्रीम’ फैसले के बाद इन 4 बड़े नौकरशाहों की कुर्सी खतरे में, सभी सरकार के ‘दुलारे’

SC: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जहां ED निदेशक संजय मिश्र 31 जुलाई को रिटायर हो जाएंगे। वहीं, मोदी सरकार के और कई बड़े नौकरशाहों पर भी रिटायरमेंट की तलवार लटक रही हैं।

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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला की याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी निदेशक संजय मिश्रा के तीसरे सेवा विस्तार को अवैध करार दे दिया है। ईडी निदेशक के सेवा विस्तार को अवैध बताने के बाद अब सरकार पर दूसरे नौकरशाहों को सेवा विस्तार देने में समस्या हो सकती है। वर्तमान समय में केंद्र सरकार के एक या दो नहीं बल्कि चार नौकरशाहों को सरकार ने एक नहीं दो से तीन सेवा विस्तार दिया है। इसके अलावा उन्हें इस बार भी सेवा विस्तार की उम्मीद थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनके रिटायर होने का रास्ता साफ हो गया है।

किन-किन नौकरशाहों को मिला है सेवा विस्तार

अगर हम ध्यान दें तो पता चलेगा कि सरकार ने अपने पसंदीदा चार नौकरशाहों को बार-बार सेवा विस्तार दिया गया। इनमें कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, रॉ चीफ सामंत गोयल और ईडी निदेशक संजय मिश्रा शामिल हैं।

31 जुलाई को रिटायर होंगे संजय मिश्र

ईडी निदेशक के दोनों सेवा विस्तार को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अवैध व असंवैधानिक करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि ईडी निदेशक 31 जुलाई तक पद मुक्त हो जाएं। उनके खिलाफ फैसला आने के बाद विपक्षी दल खुश नजर आए। विपक्ष पिछले 9 साल के दौरान पर ED की रडार पर रहा है। कई मामलों में विपक्ष ने सरकार पर ED की शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप भी लगाया।

यह लोकतंत्र की जीत है- कांग्रेस

ED निदेशक के खिलाफ फैसला आने के बाद कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने मेरे द्वारा दायर की गई याचिका में ईडी निदेशक के दोनों सेवा विस्तार को अवैध व असंवैधानिक करार दिया है। यह सत्य व न्याय की जीत है। यह इस बात का प्रमाण भी है कि राजनीतिक बदले की भावना में जलती मोदी सरकार ने ईडी का दुरुपयोग केवल विरोधियों को प्रताड़ित करने व भाजपा के राजनीतिक हित साधने के लिए किया है।

किन 4 अफसरों की जाएगी कुर्सी

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही रॉ चीफ को इस वर्ष सेवा मुक्त कर दिया गया। संजय मिश्रा के कार्यकाल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब वे भी इसी माह रिटायर हो जाएंगे। इसके बाद दो टॉप नौकरशाह और बचते हैं। वे हैं कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला। अब सवाल उठ रहा है कि क्या ये दोनों नौकरशाह भी इस साल अपनी आखिरी पारी खेल रहे हैं।

सरकार नहीं देगी सेवा विस्तार

सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सेवा विस्तार के मामलों में केंद्र सरकार पर दबाव संभव है। ऐसे में इस वर्ष कैबिनेट सचिव और केंद्रीय गृह सचिव के पदों पर नए अफसर देखे जा सकते हैं। झारखंड कैडर के 1982 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी राजीव गौबा को 2019 में दो साल के लिए कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया था। इससे पहले वे केंद्रीय गृह सचिव थे। 2021 में राजीव गौबा को पहला सेवा विस्तार मिला।

अगस्त 2022 में उन्हें दोबारा से एक साल का सेवा विस्तार प्रदान किया गया। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम का मसौदा तैयार करने में कैबिनेट सचिव गौबा का अहम रोल रहा था। उन्हें केंद्रीय सचिवालय, पीएमओ और विभिन्न मंत्रालयों के बीच बेहतर समन्वय बनाने में खासी महारत हासिल है। केंद्र सरकार में ज्वाइन करने से पहले उन्होंने, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बोर्ड में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। संभवत: अगले माह देश को नया कैबिनेट सचिव मिल सकता है।

सामंत गोयल को मिले थे दो सेवा विस्तार

1984 बैच के पंजाब कैडर के आईपीएस सामंत गोयल को 2019 में 'रॉ' चीफ बनाया गया था। दो साल पूरे होने से पहले ही सामंत गोयल का कार्यकाल, एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया। इसके बाद 2022 में कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने सामंत गोयल का कार्यकाल 30 जून 2023 तक बढ़ा दिया। रॉ में उन्हें चार साल तक सेवा करने का अवसर मिला है। उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का विश्वस्त माना जाता है। इस साल उनके स्थान पर भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी रवि सिन्हा को रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है। ईडी के मौजूदा निदेशक संजय कुमार मिश्रा, आयकर कैडर के 1984 बैच के भारतीय राजस्व सेवा 'आईआरएस' के अधिकारी हैं। उन्हें नवंबर 2018 में दो वर्ष की अवधि के लिए जांच एजेंसी का प्रमुख बनाया गया था।

नवंबर 2020 में उन्हें पहला सेवा विस्तार मिला। भारत सरकार ने उनके नियुक्ति पत्र में संशोधन कर ईडी निदेशक के दो साल के कार्यकाल को बढ़ाकर तीन वर्ष कर दिया। 2021 में दोबारा से उन्हें एक साल का सेवा विस्तार दिया गया। इसके बाद केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश के जरिए ईडी और सीबीआई निदेशकों का कार्यकाल दो साल की अनिवार्य अवधि के बाद तीन वर्ष तक बढ़ाने का प्रावधान कर दिया। संजय मिश्रा को तीसरी बार सेवा विस्तार दे दिया गया।

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