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भाजपा में कांग्रेसवादः कांग्रेस के वो चार नेता जिन्होंने BJP में शामिल होकर पाई मुख्यमंत्री की कुर्सी

locationनई दिल्लीPublished: May 15, 2022 01:59:06 pm

Submitted by:

Prabhanshu Ranjan

भाजपा और कांग्रेस की राजनीति हमेशा एक-दूसरे के विरोध की रही है। लेकिन दोनों दलों से नेताओं का आना-जाना लगा ही रहा है। अभी भाजपा के चार मुख्यमंत्री ऐसे हैं, जो पहले कांग्रेस में थे। यहां जानिए कौन-कौन है वो चार नेता।

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इस समय देश के 18 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। जबकि चार ऐसे राज्य हैं, जहां भाजपा किसी अन्य दल के साथ सरकार में शामिल है। ऐसे में कुल मिलाकर 22 राज्यों की सत्ता में भाजपा शामिल है। त्रिपुरा में भाजपा ने अपने मुख्यमंत्री को बदला है। यहां आज ही डॉ. माणिक साहा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा पहले कांग्रेस में थे।

सालों तक कांग्रेस का झंडा ढोने के बाद डॉ. माणिक साहा ने भाजपा का दामन थामा और आज मुख्यमंत्री बने। लेकिन इस उपलब्धि को पाने वाले माणिक साहा अकेले नेता नहीं है। कांग्रेस के चार ऐसे नेता हैं, जिन्होंने भाजपा में शामिल होकर मुख्यमंत्री का पद हासिल किया। खास बात यह है कि ये चारों नेता पूर्वोत्तर राज्यों से ताल्लुक रखते हैं। आईए यहां जानते हैं कौन हैं वो कांग्रेस के चार नेता, जिन्होंने बीजेपी में शामिल होकर मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल की।

1. डॉ. माणिक साहा, त्रिपुरा मुख्यमंत्री
त्रिपुरा में अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होना है। इससे पहले भाजपा ने यहां अपने नेतृत्व में बदलाव किया है। पूर्व मुख्यमंत्री बिपल्व देव का इस्तीफा लेने के बाद भाजपा ने यहां माणिक साहा को अपना नेता चुना है। पेशे से डेंटिस्ट डॉ. माणिक साहा ने 2016 में कांग्रेस को छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। चार साल बाद वो पार्टी के अध्यक्ष बनाए गए। और अब अपनी साफ-सुथरी छवि के कारण मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल की।

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2. नेफियू रियो, नागालैंड मुख्यमंत्री
रिकॉर्ड चौथी बार नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो पहले कांग्रेस में ही थे। 2002 में राज्य की समस्याओं पर तत्कालीन मुख्यमंत्री एससी जमीर के तकरार होने के बाद उन्होंने नागा पीपुल्स पार्टी को ज्वाईन किया। बाद में इस दल ने भाजपा सहित अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन कर डेमोक्रेटिक अलायंस ऑफ नागालैंड नामक एक राजनीतिक संगठन बनाई। फिर नेफियू रियो प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। हालांकि 2018 में एनपीएफ और भाजपा और गठबंधन टूट गया। जिसके बाद नेफियू रियो नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोगेसिव पार्टी में शामिल हुए, जिसका गठबंधन भाजपा से है। चुनाव जीतने के बाद फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने।

3. हेमंत बिस्वा शर्मा, असम मुख्यमंत्री
असम के मुख्यंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा 2015 तक कांग्रेस में थे। 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा इन्हें अपने पाले में कामयाब हुई। जिसका लाभ भी उन्होंने पार्टी को दिलाया। 2016 के विधानसभा और 2019 लोकसभा चुनाव इनके प्रचार अभियान से भाजपा को बड़ी जीत मिली। 2021 में उन्हें सर्बानंद सोनोवाल की जगह भाजपा ने मुख्यमंत्री बनाया। हेमंत बिस्वा शर्मा को भाजपा ने केंद्रीय मंत्री भी बनाया था। अभी वो नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस के संयोजक भी है। पूर्वोत्तर के राज्यों में भाजपा की मजबूत पकड़ बनाने में उनकी अहम भूमिका है।

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4. एन. बीरेन सिंह, मणिपुर मुख्यमंत्री
एन. बीरेन सिंह मणिपुर में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री है। उन्होंने 2016 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में राज्य में 15 साल बाद गैर कांग्रेसी सरकार बनी तो भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया। फुटबॉल प्लेयर से अपना करियर शुरू करने वाले एन. बीरेन सिंह बाद में बीएसएफ में शामिल हुए। कुछ दिनों तक पत्रकारिता भी की और अब राज्य के मुख्यमंत्री है। 2022 के विधानसभा चुनाव में उनके नेतृत्व में भाजपा को बड़ी जीत मिली।

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