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महिलाओं पर यौन हमले में बाबाओं से पीछे नहीं आपके नेता, ये आंकड़े हैरान करते हैं

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने दावा किया है कि महिलाओं पर यौन हमले करने वालों में देश के सांसद और विधायक भी पीछे नहीं हैं।

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Chandra Prakash Chourasia

Aug 31, 2017

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नई दिल्ली। कथित धर्मगुरुओं पर महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों के बीच राजनेताओं पर नजर रखने वाले संगठन ने महत्वपूर्ण आंकड़ा जारी किया है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने दावा किया है कि महिलाओं पर यौन हमले करने वालों में देश के सांसद और विधायक भी पीछे नहीं हैं।


9748 माननीयों में 33% अपराधी
एसोसिएशन फॅार डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच ने मौजूदा 4896 सांसदों और विधायकों में से 4852 के चुनावी हलफनामे का विश्लेषण किया है। इसमें कुल 776 सांसदों में से 774 के और कुल 4120 विधायकों में से 4078 के हलफनामे शामिल हैं। इनमें से 1581 सांसदों और विधायकों (तकरीबन 33 फीसदी) ने अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों का जिक्र किया है। हलफनामे में 51 सांसद-विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने अपने ऊपर चल रहे महिलाओं के खिलाफ अपराधों से जुड़े मामलों का जिक्र किया है।


बीजेपी इस मामले में भी अव्वल
इस मामले में 14 सांसदों-विधायकों के साथ भाजपा सबसे अव्वल है। वहीं, भाजपा के बाद दूसरे नंबर पर शिवसेना (7) और तीसरे स्थान पर तृणमूल कांग्रेस (6) है। सबसे ज्यादा टिकट भी


महाराष्ट्र में दागी नेताओं को सबसे ज्यादा टिकट मिला
महाराष्ट्र में बीते 5 साल की बात करें तो महिलाओं के खिलाफ आपराधिक मामलों से जुड़े उम्मीदवारों को सबसे ज्यादा टिकट महाराष्ट्र (65) में दिए गए। इसके बाद बिहार (62) और पश्चिम बंगाल (52) में ऐसे उम्मीदवारों को राजनीतिक पार्टियों ने टिकट बांटे।


महिलाओं पर हिंसा करने वाले
334 ऐसे नेता जिन पर महिला अपराधों का केस है लेकिन पार्टी उन्हें जिताऊ उम्मीदवार मानते हुए टिकट देती है। पांच साल में 122 आरोपी निर्दलीय प्रत्याशी हैं। ऐसे लोगों को टिकट देने में भाजपा सबसे आगे रही


महाराष्ट्र में दागी नेताओं की भरमार
बीते पांच साल में यौन अपराधों का हलफनामा देने वालों में पार्टियां आगे रही हैं। भाजपा ने ऐसे 48 उम्मीदवारों को टिकट दिए तो बसपा ने 36 प्रत्याशियों को टिकट दिए। वहीं कांग्रेस ने ऐसे 27 उम्मीदवारों को टिकट दिए। महिलाओं पर अपराधों में हलफनामा देने वाले 48 नेताओं को टिकट दिया गया। जिसमें महाराष्ट्र सबसे अव्वल है। इसमें सबसे ज्यादा सांसद-विधायक के महाराष्ट्र (12), पश्चिम बंगाल (11) और ओडिशा (6) थे।