
पश्चिम बंगाल में हो रहे 6 राज्यसभा सीटों के चुनाव के लिए TMC के बाद आज भाजपा ने भी अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने यहां से अनंत राय 'महाराज' को अपना राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। राय खुद को कोच-राजबंगशी राजवंश का वंशज बताते हैं। राजबोंगशी समुदाय, पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा अनुसूचित जाति (एससी) समूह है। 294 सदस्यों वाली पश्चिम बंगाल विधानसभा में कुल 84 रिजर्व सीटें हैं। इनमें से 68 अनुसूचित जाति के लिए और 16 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।
दलित के सहारे ममता को चुनौती देने की कोशिश
चुनाव आयोग ने जब पश्चिम बंगाल के 6 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव का ऐलान किया। तभी से ये कयास लगाया जाने लगा कि भारतीय जनता पार्टी यहां से कोई ऐसा प्रत्याशी उतारेगी जिससे वह लोकसभा के चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी TMC को चुनौती दे सके। अब पार्टी ने अनंत राय 'महाराज' को पश्चिम बंगाल से अपना राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। राय की उम्र लगभग 60 वर्ष है। वे खुद को कोच-राजबंगशी राजवंश का वंशज बताते हैं। कहा जाता है कि असम और पश्चिम बंगाल के सात जिलों के 18.5 लाख कोच-राजबंगशी मतदाताओं के बीच उनका काफी प्रभाव है।
ग्रेटर कूच बिहार राज्य की मांग
अनंत राय को 1998 में जीसीपीए द्वारा 'महाराज' की उपाधि से सम्मानित किया गया था। वह मांग कर रहे थे कि पश्चिम बंगाल से अलग 'ग्रेटर कूच बिहार' राज्य बनाया जाए। राय ग्रेटर कूच बिहार पीपुल्स एसोसिएशन (जीसीपीए) के एक गुट के प्रमुख हैं। बता दें किपश्चिम बंगाल में कूच बिहार जिले को शामिल करने को केंद्र सरकार और महाराजा जगदीपेंद्र नारायण के बीच 28 अगस्त, 1949 को कोच-राजबंगशी राजवंश के रूप में हस्ताक्षरित संधि का उल्लंघन करार देते हुए, जीसीपीए अपने लोगों के लिए एक अलग राज्य या स्वायत्त निकाय बनाने की मांग कर रहे हैं।
उत्तरी बंगाल की आबादी में 30 प्रतिशत की हिस्सेदारी
बंगाल के उत्तरी क्षेत्र के जनसंख्या में राजबोंगशी समुदाय (अनुसूचित जाति (एससी)) का हिस्सा 30 प्रतिशत है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर बंगाल में गहरी पैठ बनाई। 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में यह अपने गढ़ पर कायम रही। 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अनंत राय 'महाराज' के साथ तालमेल स्थापित करने की कोशिश की थी। 294 सदस्यों वाली पश्चिम बंगाल विधानसभा में दलितों के लिए कुल 84 रिजर्व सीटें हैं। इनमें से 68 अनुसूचित जाति के लिए और 16 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। 2021 के विधानसभा चुनाव में इन आरक्षित सीटों में से ममता बनर्जी की TMC को 45 और बीजेपी को 39 सीटों पर जीत मिली।
राज्यसभा की एक सीट के लिए 43 सांसदों की जरूरत
बंगाल विधानसभा में 294 विधायक है और 6 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होना है। ऐसे में एक सीट को जीतने के लिए 43 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में ममता बनर्जी के पास कुल 213 विधायक है। वहीं भाजपा के पास कुल 77 विधायक है। ऐसे में ममता की TMC 5 सीटों पर एकतरफा चुनाव जीत जाएगी। वहीं भाजपा अपने दम पर अपने प्रत्याशी को राज्यसभा पहुंचाने में कामयाब हो जाएगी। इस तरह राय भाजपा के बंगाल से पहले राज्यसभा सांसद बनने में कामयाब हो जाएंगे।
लेकिन समस्या TMC के छठवें प्रत्याशी को लेकर फंसेगी। अब देखना ये है कि क्या ममता अपने प्रत्याशी को राज्यसभा में पहुंचाने में कामयाब हो पाएंगी।
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Published on:
12 Jul 2023 05:58 pm
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