अरुण जेटली ने कहा है कि पति द्वारा तलाक देने के बाद महिला को दो बार निकाह-हलाला और इद्दत की मुद्दत का पालन करना पड़ा। पहले तलाक के बाद महिला का निकाह हलाला उसके ससुर के साथ हुआ जबकि दूसरी बार पति के भाई के साथ। केंद्रीय मंत्री ने ‘बरेली ‘निकाह-हलाला’ क्या आपकी जमीर को नहीं झकझोरता?’ शीर्षक से फेसबुक पर लिखे एक पोस्ट में जेटली ने लिखा है, ‘‘दुर्भाग्यवश, जब सुबह के अखबार में यह खबर पढ़ कर लोगों का जमीर जागना चाहिए था, अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के अध्यक्ष और उनके साथी अल्पसंख्यक सम्मेलन में तीन तलाक पर सजा का प्रावधान करने वाला विधेयक वापस लेने का वादा कर रहे हैं। यह विधेयक फिलहाल संसद में लंबित है। उन्होंने कहा कि दिवंगत राजीव गांधी ने शाह बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट कर विधायिका की सबसे बड़ी गलती की। अब राहुल गांधी वही गलती दोबारा करेंगे।
बता दें कि मुसलमानों में तलाक देने के बाद यदि कोई व्यक्ति पत्नी से फिर निकाह करना चाहती है तो महिला को निकाह-हलाला करना होता है। इसमें महिला को किसी दूसरे पुरूष के साथ निकाह कर वैवाहिक संबंध बनाने होते हैं। फिर उससे तलाक लेना होता हैा उसके बाद उसे इद्दत की मुद्दत पूरा करनी होती है।