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असदुद्दीन ओवैसी का दावा, तेजस्वी यादव मेरी बात मानते तो आज बिहार के सीएम होते

हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा खुलासा किया है। ओवैसी ने कहा कि पिछले साल बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया। अगर पार्टी उनकी बात मान लेती तो आज तेजस्वी यादव राज्य के सीएम होते।

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asaduddin owaisi says tejashwi yadav could be bihar cm

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नई दिल्ली। अगले साल देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसको लेकर सभी पार्टियां मैदान में हैं। इसी बीच एक कार्यक्रम के दौरान हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा खुलासा किया है। ओवैसी ने कहा कि पिछले साल बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया। अगर पार्टी उनकी बात मान लेती तो आज तेजस्वी यादव राज्य के सीएम होते।

तेजस्वी यादव बन सकते थे बिहार के सीएम
असदुद्दीन ओवैसी ने बताया कि मैंने इस संबंध में तेजस्वी की पार्टी से बात करने की काफी कोशिश की थी, पर कामयाबी नहीं हासिल हुई। इसी के चलते आज तेजस्वी यादव विपक्ष में बैठे हैं। अगर वो मेरी बात मान लेते तो आज तेजस्वी यादव विपक्ष में बैठने के बजाय राज्य के सीएम होते।

हम बीजेपी के साथ नहीं
बता दें कि ओवैसी की पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारे थे। वहीं ओवैसी पर बिहार चुनावों में बीजेपी को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन करने के आरोप भी लग रहे थे। लोगों का कहना है कि ओवैसी की पार्टी ने बिहार में चुनाव लड़कर राजद के वोट काटने का काम किया। इस पर जवाब देते हुए ओवैसी ने कहा कि हमारी पार्टी ने वोट काटने का काम नहीं किया और न ही हमने बीजेपी का साथ दिया।

ओवैसी ने दावा किया कि मैंने तेजस्वी यादव से संपर्क करने की कोशिश की थी। अगर तेजस्वी मेरी बात मान लेते तो आज वे विपक्ष के नेता होने के बजाय राज्य के सीएम होते।

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गौरतलब है कि वंबर 2020 में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए थे। चुनाव में राजद, कांग्रेस, माकपा, भाकपा और भाकपा-माले ने महागबंधन में रहकर चुनाव लड़ा था। वहीं, असदुद्दीन की आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) ने अकेले ही मैदान में थी। अगर विधानसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो ओवैसी की पार्टी ने बिहार चुनाव में एआइएमआइएम ने पांच सीट जीत ली। वहीं अकेले 73 सीट जीतने के बाद अन्य दलों से बेहतर सहयोग ना मिल पाने के कारण राजद को विपक्ष में ही बैठना पड़ा।