नई दिल्ली। तीन तलाक को आपराधिक कृत्य बनाए जाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पारित अध्यादेश विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को कहा कि ये मुस्लिम महिलाओं के साथ और अन्याय होगा। अध्यादेश को महिला-विरोधी बताते हुए उन्होंने कहा कि यह संविधान के अंतर्गत दिए गए मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है।
हैदराबाद के सांसद ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने तीन तलाक पर अपने फैसले में कहा था कि अगर एक व्यक्ति तीन तलाक कहता है तो शादी निरस्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि तो फिर आप किसके लिए उसे सजा देना चाहते हो? ओवैसी ने कहा कि सबूत का बोझ भी महिला पर डाल दिया गया है, जो कि महिला के साथ एक और अन्याय है। इस प्रावधान पर कि पति महिला को गुजारा भत्ता प्रदान करेगा, पर उन्होंने कहा कि कैसे तीन साल तक जेल में रहने वाला व्यक्ति गुजारा भत्ता देगा। उन्होंने कहा कि इस्लाम में शादी एक नागरिक अनुबंध है और इसे दंडनीय अपराध बनाना पूरी तरह गलत है।