राहुल ने दावा किया महिलाओं पर अत्याचार होते रहे पर प्रधानमंत्री ख़ामोश रहे। पूरे देश में मोदी जी पेट्रोल डीज़ल और गैस पर विपक्ष में रहते हुए खूब बोलते थे, लेकिन अब एक शब्द नहीं बोलते हैं । कांग्रेस नेता ने कहा कि राफेल के सवाल पर प्रधानमंत्री खामोश हैं । एक मित्र उद्योगपति को 45 हज़ार करोड़ दे दिये । ये देश की आम जनता का पैसा है। नोटबंदी के नाम पर अपने मित्रों का काला धन सफेद करवाया।
दक्षिण भारतीय राज्य केरल में भी विपक्ष के भारत बंद का असर सुबह से ही है। केरल में सुबह छह बजे से लेकर शाम छह बजे तक भारत बंद रहेगा। राज्य में अधिकतर जगह दुकानें बंद हैं। इसके अलावा भी राज्य की बस सर्विस भी पूरी तरह से ठप है। भारत बंद के कारण लोगों को कई तरह की परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के विरोध में कांग्रेस के भारत बंद देश भर में जारी है। ओडिशा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश के लोग सुबह से ही मोदी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक आज भारत बंद की अगुवाई यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी। कुछ देर बाद राजघाट पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ वह धरने का नेतृत्व करेंगी। बंद प्रदर्शन सुबह आठ बजे से तीन बजे तक जारी रहेगा। कांग्रेस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बंद पूरी तरह से शांतिपूर्ण है।
कांग्रेस ने का दावा किया है कि भारत बंद का महागठबंधन के 21 दलों का समर्थन हासिल है। सोनिया गांधी इस बंद की अगुवाई करते हुए दिल्ली की सड़कों पर उतरेंगी। कांग्रेस का कहना है कि बंद के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं होगी। बंद का समर्थन करने वाले दलों में आरजेडी जेडीएस, सपा, सीपीआई, बसपा, डीएमके, मनसे समेत 21 दल हैं। कर्नाटक सरकार ने बंद के चलते सभी शिक्षण संस्थानों में छुट्टी का ऐलान कर दिया है। सरकारी दफ्तरों में भी छुट्टी रहेगी। कांग्रेस थोड़ी देर बाद राजघाट पर धरना देगी। प्रदर्शन में सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
राज ठाकरे की पार्टी मनसे ने बंद में हिस्सा लेगी। ठाकरे ने एक बयान में कहा कि मनसे केवल बंद में हिस्सा ही नहीं लेगी, बल्कि सक्रिय भागीदारी भी करेगी। सीपीआई नेता अतुल अंजान ने तेल के बढ़ते दामों के बहाने मोदी सरकार पर बड़े सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि देश की विदेश नीति फेल है। प्रधानमंत्री के सारे दावे झूठे निकल रहे हैं। कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने भी तेल की कीमतों को लेकर मोदी सरकार पर करारा हमला किया, पुनिया ने बताया कि यूपीए सरकार में क्रूड ऑयल की कीमतें क्या थीं, और उस वक्त देश में पेट्रोल डीजल की कीमतें क्या थीं और मोदी सरकार में क्रूड ऑयल की कीमतें क्या हैं, और पेट्रोल डीजल देश में कितने में बिक रहा है।
पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस से नजदीकी बनाने वाली एनडीए की सहयोगी शिव सेना ने बंद से दूरी बना ली है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने भी बंद से किनारा कर लिया है। टीएमसी, टीडीपी जैसी पार्टियों ने न तो बंद का समर्थन किया है और न ही विरोध किया है। बीजेडी ने बंद में शामिल नहीं होने की घोषणा की है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि जब महंगाई काबू से बाहर होती है वो हमेशा सड़कों पर उतरते हैं। भारत बंद के बहाने विपक्ष की ताकत का भी एहसास हो जाएगा।
चैम्बर ऑफ ट्रेड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने कहा कि वो पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी के पूरी तरह खिलाफ है और विपक्ष के इस मुद्दे का समर्थन करता है। लेकिन दुकानें बंद करने के समर्थन में नहीं है, क्योंकि त्योहार का सीजन है और व्यापारी पहले ही मंदी की मार झेल रहा है।
मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए आज कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि चार साल में पेट्रोल पर 211.7 फीसदी और डीजल पर 443 फीसदी एक्साइज ड्यूटी बढ़ी है। मई 2014 में पेट्रोल पर 9.2 रुपए एक्साइज लगता था और अब 19.48 रुपए लगता है। मई 2014 में डीजल पर 3.46 रुपए एक्साइज था। अब 15.33 रुपए लगता है। सरकार से मांग है कि सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाए। ऐसा हुआ तो कीमतें 15 से18 रुपए प्रति लीटर कम हो जाएंगी। इससे बाकी चीजों की मंहगाई भी कम होंगी। सरकार ने पिछले चार साल में एक्साइज ड्यूटी से 11 लाख करोड़ रुपए कमाए हैं। कांग्रेस की मांग है कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाया जाए जिससे तेल के दामों में 15 से 18 रूपए तक गिर सकते हैं।
कांग्रेस ने भारत बंद से कई चीजों को बाहर रखा गया है। इसमें दवा की दुकान अस्पताल और एंबुलेंस व खान पान से जुड़ी जरूरी चीजों को बंद से राहत दी गई है। ताकि मरीजों और तीमारदारों सहित बच्चों को किसी तरह की समस्या न हो।
कांग्रेस सहित 21 विपक्षी दलों ने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के विरोध में आज भारत बंद है। बंद का आह्वान सुबह आठ बजे से दोपहर तीन बजे तक है। इस दौर लोगों को कुछ बातों से परहेज करने की जरूरत है। खासतौर से जिन क्षेत्रों में बंद प्रभावी रहेगा उन क्षेत्रों के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है। लोगों का चाहिए कि वो घर से बाहर कम निकलें। अगर निकलना पड़े तो बंद समर्थकों के साथ सहजता और सतर्कता दिखाने की कोशिश करें। परिवार के साथ निकलने से बचें। अपने काम का दोपहर बाद तक के लिए टालने की कोशिश करें। विवादों से बचने की कोशिश करें।