Bihar Election Results: 5 सीटें जीत कर AIMIM ने चौंकाया, महागठबंधन को मिलेगा ओवैसी का साथ!
- Bihar Election Results 2020 में AIMIM ने किया बेहतरीन प्रदर्शन
- सीमांचल की सीटों पर मारी सेंध, 5 सीटों पर दर्ज की जीत
- किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं रहा तो निर्णायक की भूमिका निभा सकते हैं ओवैसी

नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ( Bihar Election Results 2020 ) के बीच असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन ( AIMIM ) ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। ओवैसी की पार्टी ने बिहार में पांच सीटों पर जीत दर्ज की है। इसके साथ ही एआईएमआईएम ने उन जुबानों पर ताला लगा दिया जो चुनाव से पहले ओवैसी की पार्टी को वोटर कटर और खेल बिगाड़ने वाली पार्टी कह कर बुला रहे थे।
बिहार में एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर चल रही है। ऐसे में नतीजे स्पष्ट बहुमत वाले नहीं आते हैं तो एआईएमआईएम डिसाइडिंग फैक्टर में पहुंच जाएगी। अब सवाल यह है कि क्या महागठबंधन को ओवैसी का साथ मिलेगा।
जिसे बिहार विधानसभा चुनावों में 'वोट कटर' और समीकरण बिगाड़ने जैसे टैग दिए गए थे, मंगलवार को पांच मुस्लिम बहुल सीटों पर जीत हासिल एआईएमआईएम ने खुद को साबित कर दिया। ओवैसी के नेतृत्व में पार्टी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। अपने प्रदर्शन के साथ ही ओवैसी ने अपने आलोचकों को भी मुंहतोड़ जवाब दे डाला है।
सीमांचल में सेंध, मुस्लिम मानने लगे अपना नेता
ओवैसी की पार्टी ने सीमांचल की सीटों पर सेंध मारी है। सीमांचल इलाके में मुस्लिमों में आबादी अच्छी है। ऐसे में ओवैसी ने उस इलाके में जीत कर यह साफ कर दिया है कि मुस्लिम उनको अपना नेता मानने लगे हैं। अभी तक इन सीटों से कांग्रेस और आरजेडी के उम्मीदवार जीतते रहे हैं।
अगली सरकार के गठन में अहम भूमकिा
एआईएमआईएम ने राज्य की सीमांचल क्षेत्र में बड़ी संख्या में सीटों पर कब्जा कर लिया गया है, जिसे एक मजबूत गढ़ के रूप में देखा जा रहा है। यही वजह है की ओवैसी की पार्टी प्रदेश की अगली सरकार के गठन में अहम भूमिका निभा सकती है।
AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता असीम वकार के मुताबिक पार्टी त्रिशंकु विधानसभा के मामले में किसके साथ जा सकती है इस पर फिलहाल फैसला नहीं लिया है। इस पर अंतिम फैसला निश्चित रूप से असदुद्दीन ओवैसी ही लेंगे। लेकिन इतना साफ है कि पार्टी की लड़ाई हमेशा भगवा पार्टी के खिलाफ रही है।
बीजेपी की 'बी' टीम
कांग्रेस पहले ही एआईएमआईएम पर चुनाव के दौरान कड़े प्रहार कर चुकी है। तीसरे चरण के मतदान के दौरान ही कांग्रेस ने ओवैसी की पार्टी को बीजेपी की बी-टीम करार दिया था। यही नहीं बीजेपी के साथ मिलीभगत का आरोप भी लगाया था।
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वोट बर्बाद करने का आरोप
कांग्रेस की बिहार इकाई के प्रमुख मदन मोहन झा ने कहा था कि एआईएमआईएम का विधानसभा चुनावों पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि लोग अपने वोटों को "बर्बाद" नहीं करेंगे।
भले ही कांग्रेस ने ओवैसी की पार्टी पर कटाक्ष किया हो, लेकिन जिस तरह एआईएमआईएम की राजनीतिक विचारधारा रही है, उसके आधार पर पार्टी के महागठबंधन यानी तेजस्वी के साथ जाने के अवसर ज्यादा नजर आ रहे हैं। हालांकि ये निर्णय पार्टी को ही लेना होगा।
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