
bihar vidhan parishad election
नई दिल्ली। देशभर में बढ़ रहे कोरोना वायरस ( Coronavirus )के खतरे के बीच बिहार ( Bihar ) में सियासी सरगर्मियां तेज हो रही हैं। दरअसल इसी वर्ष बिहार में विधानसभा चुनाव ( Bihar Assembly Election 2020 ) होने हैं। यही वजह है कि राजनीतिक दलों ने कमर कसना शुरू कर दी है। बिहार में विधानसभा चुनाव नवंबर में होने की उम्मीद है। लेकिन इस बार सत्ता के इस दरवाजे की चाबी बिहार विधान परिषद ( Bihar Vidhan Parishad ) के चुनाव से ही मिलने की उम्मीद लग रही है।
दरअसल कोरोना वायरस और लॉकडाउन ( Corona Lockdown ) के बाद जनता का मूड क्या है इसकी झलक राजनीतिक दलों को बिहार के विधान परिषद चुनाव से समझ में आ जाएगा।
यही वजह है कि विधानसभा चुनाव से पहले विधान परिषद की 9 सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर राजनीतिक दल इसे सत्ता का सेमीफानल तक मान रहे हैं।
प्रदेश में सत्ता पर काबिज जनता दल यू और भाजपा दोनों ही पार्टियों ने चुनावी तैयारियां शुरू कर दी है। विधान परिषद चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम भी तलाशने शुरू कर दिए गए है।
किस दल के हिस्से में कितनी सीटें जाएंगी इसको लेकर फिलहाल तस्वीर साफ नहीं हुई है। किसी भी दल ने अपने नामों का खुलासा अभी नहीं किया है। बदले सियासी समीकरण के बीच एनडीए गठबंधन को इस विधान परिषद के चुनाव में नुकसान और विपक्ष को फायदा हो सकता है।
दरअसल प्रदेश में 9 सीटों के लिए 6 जुलाई को चुनाव होने जा रहा है। इसकी घोषणा सोमवार को चुनाव आयोग ने की। दरअसल पहले ये चुनाव मई में होने वाले थे। लेकिन कोरोना लॉकडाउन के चलते इनको आगे बढ़ा दिया गया था।
निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, चुनाव की अधिसूचना 18 जून को जारी होगी और नामांकन पत्र 25 जून तक दाखिल किए जा सकेंगे।
चुनाव संपन्न होने के बाद तय नियमों के मुताबिक 6 जुलाई की शाम को ही काउंटिंग की जाएगी। आपको बता दें कि बिहार विधान परिषद् के नौ सदस्यों का कार्यकाल 6 मई को समाप्त हो गया था। इसके बाद ये सीटें खाली हो गई थीं।
इन सीटों पर जद(यू)- भाजपा के सदस्य काबिज थे। बहरहाल, विधानसभा में बदले समीकरण के कारण इनमें से कुछ सीटें अब राष्ट्रीय जनता दल नीत विपक्ष के खाते में जा सकती हैं।
Published on:
16 Jun 2020 05:42 pm
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