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चुनाव राहुल बनाम मोदी
दरअसल, इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रयास होगा कि चुनाव राहुल बनाम मोदी हो। इस मुद्दे पर न केवल लोकसभा चुनाव में सहयोगी दलों को एकजुट करने में आसानी होगी, बल्कि राहुल गांधी की स्वीकार्यता बढ़ेगी। जबकि विधानसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी अब मोदी के खिलाफ बने देशभर में बने गुस्से को कैश करने का प्रयास करेंगे। आपको बता दें कि देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव परिणामों से जहां कांग्रेस में जश्न का माहौल है, वहीं भाजपा नेताओं के लिए यह बड़ा झटका है। पार्टी की हार पर भाजपा नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि चुनावों के नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं आए हैं।
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रणनीति में बड़ा फेरबदल कर सकती है भाजपा
वहीं कांग्रेस के जवाब में भाजपा अपनी रणनीति में बड़ा फेरबदल कर सकती है। असल में 2014 में 23 दलों के साथ चुनावी मैदान में उतरी भाजपा से अब तक 11 सहयोगी दल नाता तोड़ चुके हैं। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद भाजपा अब सहयोगी दलों के प्रति नरम रवैया अख्तियार करेगी। इसके साथ ही हार का बदलना लेने के लिए भाजपा राम मंदिर, धारा-370, कॉमन सिविल कोड जैसे मुद्दों को हवा दे सकती है।